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एनडीआरएफ के जवानों का आईओसीएल ऑयल डिपो में मॉक ड्रिल आपातकालीन स्थिति में फंसे लोगों को बचाने का किया अभ्यास

वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@डेस्क।

चितौड़गढ़। वी. वी. एन. प्रसन्ना, कमांडेंट 6वी वाहिनी एनडीआरएफ के निर्देश पर ई/6 बटालियन एनडीआरएफ आरआरसी, अजमेर की टीम ने प्रभारी योगेश कुमार मीणा के पर्यवेक्षण एवं सुरेश कुमार गुर्जर के नेतृत्व में निम्बाहेड़ा मार्ग स्थित आईओसीएल ऑइल डिपो में आपातकाल की स्थिति में राहत और बचाव कार्यों का अभ्यास किया।

जहरीली गैस से रेस्क्यू का अभ्यास

प्रभारी योगेश कुमार मीणा ने बताया कि मॉक ड्रील के लिए हिन्दुस्तान जिंक और आईओसीएल डिपो को चिह्नित किया गया था। इन बड़ी कम्पनियों में दुर्घटना की आशंका रहती है। आईओसीएल डिपो में मॉक ड्रील के दौरान लीकेज होने से आग लगने की स्थिति में कैसे आपसी समन्वय से बचाव और राहत कार्य किया जाए, इसका अभ्यास किया गया। इस दौरान टीम ने सीबीआरएन आपातकाल बचाव संबंधित उपकरणों एवं भिन्न-भिन्न प्रकार के रेस्क्यू सूट से पानी में जहरीली गैस में फंसे लोगो को बचाने की प्रक्रिया का प्रदर्शन किया। एनडीआरएफ की टीम एवं सिविल डिफेन्स की टीम ने एक प्लानिंग के आधार पर सभी ने बचाव किया एवं उन्होंने कहा कि जब रेस्क्यू होता है सभी बचाव दल अपनी जिम्मेदारी से कार्य करें। दूसरे के कार्य में बाधा नहीं डालें।

आपदा में एनडीआरएफ सबसे आगे

एनडीआरफ के योगेश कुमार मीणा ने बताया कि एनडीआरएफ का एक्सप्लोजर सभी क्षेत्रों में होता है चाहे वह केमिकल हो, बायोलॉजिकल हो, रेडियोलॉजिकल हो, न्यूकलीकर, हो या फ्लड रेस्क्यू हो या अन्य कोई रेस्क्यू ऑपरेशन हो। उन्होंने बताया कि यदि कोई आपदा आती है एवं आपदा से संबंधित कोई एजेंसी है तो सबसे सीनियर मोस्ट एजेन्सी एनडीआरएफ की टीम है जिसमें सभी तरह के जवान होते है जो अलग-अलग क्षेत्रों में माहिर होते हैं। जिनको अलग-अलग तरीके से बचाव की ट्रेनिंग दी जाती है। इस मौके पर अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) गितेश श्री मालवीय सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी और सिविल डिफेंस, होमगार्ड, मेडिकल टीम व फायर ब्रिगेड के जवान उपस्थित थे।

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