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किसानों का प्रतिनिधिमंडल ग्वालियर पहुंच नारकोटिक्स आयुक्त को अफीम नीति 2022-23 के लिए दिए विभिन्न सुझाव।

वीरधरा न्यूज़।चित्तोड़गढ़@डेस्क।

चित्तोड़गढ़।भारतीय अफीम किसान संघर्ष समिति राजस्थान मध्यप्रदेश का प्रतिनिधि मंडल ग्वालियर पंहुचा जहा नारकोटिक्स आयुक्त से मिल अफीम नीति 2022-23 के लिए विभिन्न सुझाव दिए जिसमे मुख्यतः 1997-98 से 2022 तक विभिन्न कारणों से काटे गए सभी अफीम पट्टे लुवाई चिराई के समान आरी के पट्टे बहाली हो, थोपा गया मार्फिन नियम समाप्त कर अफीम फैक्ट्री नीमच में भारी भ्रष्टाचार कर बढ़िया अफीम को भी घटिया और लो मार्फीन बता कर सीपीएस के पट्टे जबरदस्ती किसानों को दिए थे उन सभी किसानों को भी लुवाई चिराई के पट्टे दिए जाए, परंपरागत अफीम खेती मेक इन इंडिया का मजबूत आधार है जिससे देश को विदेशी मुद्रा किसानों को रोजगार और मरीजों को सस्ती दवा सुलभ होती है इसलिए किसानों की मांग के अनुरूप अफीम पट्टे बहाल कर मेक इन इंडिया को संबल प्रदान करें, अफीम खेती वर्तमान महंगाई के युग में लागत बहुत अधिक आती है अंतरराष्ट्रीय मूल्य को मानक मानकर अफीम का मूल्य किसानों को दिया जाए, वर्तमान में दवा निर्माण के लिए अफीम की जरूरत को देखते हुए राजस्थान मध्य प्रदेश में अफीम खेती से जुड़े किसानों को और परंपरागत अफीम खेती के नये अफीम पट्टे दिए जाए।
ग्वालियर पहुंचकर नारकोटिक्स आयुक्त को युक्तियुक्त तर्कसंगत किसान व देश हितेषी अफीम नीति के सुझाव प्रेषित किये और भारतीय किसान संघर्ष समिति राजस्थान मध्य प्रदेश 9 अगस्त को अगस्त क्रांति दिवस को किसान जागृति दिवस के रूप में मना कर राजस्थान मध्य प्रदेश के सभी किसानों को डोर टू डोर जागृत करेगा इसके लिए हर तहसील व जिला हेड क्वार्टर पर ज्ञापन दिया जाएगा और अगस्त माह के अंतिम सप्ताह में प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री, वित्त राज्य मंत्री भारत सरकार को दिल्ली पहुंच कर देश व किसान हितेषी अफीम नीति बनाने की मांग करेगा।

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