Invalid slider ID or alias.

चित्तोड़गढ़-गीतों की प्रस्तुति द्वारा मोहम्मद रफी एवं भूपेंद्र सिंह को दी श्रद्धांजलि।

वीरधरा न्यूज़।चित्तोड़गढ़@ श्री अनिल सुखवाल।


चित्तौड़गढ़।स्थानीय साईं एस्ट्रो विज़न सोसायटी द्वारा पार्श्वगायक  मोहम्मद रफीऔर भूपेंद्र सिंह को श्रद्धांजलि दी गयी। सोसायटी अध्यक्ष डॉ संजय गील ने बताया कि सोसायटी द्वारा संचालित सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के तत्वावधान में सदी के महान फनकार मौहम्मद रफी एवं हाल ही दिवंगत हुए गजल गायक भूपेंद्र सिंह को  श्रद्धांजलि प्रदान की गयी।कार्यक्रम का शुभारंभ उपखंड अधिकारी विनोद कुमार मल्होत्रा, सोसायटी संरक्षक अनिल सिसोदिया, जे. एस. कटारा और भगवान लाल तड़बा के द्वारा भूपेंद्र सिंह और रफी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर हुआ। कार्यक्रम संयोजक ललित विषणावत ने मोहम्मद रफ़ी की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए बताया कि वे एक मात्र भारतीय फ़िल्म पार्श्व गायक थे जिन्हें   भारतीय उपमहाद्वीप के सबसे महान और सबसे प्रभावशाली गायकों में से एक माना जाता है। रफी अपनी बहुमुखी प्रतिभा और आवाज की सीमा के लिए उल्लेखनीय रहे। उनके गीतों में जहा तेज पेप्पी नंबर से लेकर देशभक्ति के गाने, सैड नंबर से लेकर बेहद रोमांटिक गाने, कव्वालियों से लेकर ग़ज़ल और भजन से लेकर शास्त्रीय गीतों तक शामिल रहे। वे एक मात्र गायक है जिन्हें फिल्म में पर्दे पर गाने को लिप-सिंक करने वाले अभिनेता के व्यक्तित्व और शैली के अनुसार अपनी आवाज को ढालने की क्षमता के लिए जाना जाता था।मो.रफी राष्ट्र के वे गायक रहे जिन्हें सर्वाधिक  चार फिल्मफेयर पुरस्कार और एक राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला। 1967 में उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 2001 में रफ़ी को हीरो होंडा और स्टारडस्ट पत्रिका द्वारा “मिलेनियम के सर्वश्रेष्ठ गायक” के खिताब से सम्मानित किया गया । 2013 में सी एन एन आई बी एन के सर्वेक्षण में रफ़ी को हिंदी सिनेमा की महानतम आवाज़ के लिए वोट दिया गया था।

उपखण्ड अधिकारी विनोद मल्होत्रा ने संगीत को ईश्वर की साधना की ही एक रूप बताते हुए कहा कि पृथ्वी पर हर मनुष्य के पास एक विशिष्टता होती है ,जिसे अगर वो पहचान ले तो वो समाज मे अपनी अलग पहचान सकता है।साथ ही संगीत वर्तमान के युग में तनाव मुक्ति का महत्वपूर्ण साधन है।

श्रंद्धांजलि के इस कार्यक्रम में सोसायटी सदस्यों द्वारा एक से बढ़कर गीतों की प्रस्तुतियां देकर रफी की यादों को जीवंत बना दिया। कार्यक्रम में डॉ. संजय गील ने लाखो है निगाह में, शिरडी वाले साईं बाबा आया है तेरे दर पे सवाली, अमित चेचानी ने दर्दे दिल दर्दे जिगर,आने से उसके आये बाहर, राजेश सिंह और सोनू तंवर ने किसी नजर को तेरा इंतज़ार आज भी है, संतोष मल्होत्रा ललित विषणावत ने दिल दृढ़ता है फिर वही फुर्सत के रात दिन, मुकेश सोनी अकेले है चले आओ, सतपाल दुआ ये दुनिया ये महफ़िल, विनोद मल्होत्रा पिंकी राज ने नाम गम जाएगा चेहरा ये बदल जायेगा, राजेश सोमानी पत्थर के सनम तुझे हमने, विनोद मल्होत्रा और संतोष मल्होत्रा ने बेखुदी में सनम उठ गए जो कदम, कोयल क्यों गाय, संजय गील संतोष मल्होत्रा ने वादा कर ले सजना गीत प्रस्तुत किये।

कार्यक्रम के अंत में सोसायटी द्वारा व्यसन मुक्ति और पर्यावरण  जागरूकता हेतु नुक्कड़ नाटक और प्रचार प्रसार का संकल्प दोहराया गया।

श्रद्धांजलि के इस कार्यक्रम में   सावित्री सोनी, ममता सोनी, मुकेश सोनी,राकेश सहलोत,सतपाल सिंह दुआ,लक्ष्मीकांत दायमा, सनम सोनी, विपिन शर्मा, कमल चोखडा,गोपेश पंचोली, ललित शर्मा, अनुष्क , अशोक जोशी, अंशु कंवर,गायत्री पाखी,तारा जोशी,संगीता रावल,भरत चाष्टा, राजेश सेठियासहित सभी सदस्य उपस्थित रहे।

Don`t copy text!