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हमें सम्मान और अपमान के दुष्चक्र से बाहर आकर स्वाभिमानी जीवन जीना चाहिए: साध्वी डाॅ. अर्पिता श्री जी।

वीरधरा न्यूज़।चित्तोड़गढ़@डेस्क।

चित्तोड़गढ़। श्रमण संघीय आचार्य सम्राट डाॅ.शिवमुनि की आज्ञानुवर्ती उपप्रवर्तिनी श्री वीरकान्ता जी की सुशिष्या डाॅ. अर्पिता ने शांति भवन मे महती धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए मान शब्द की व्याख्या करते हुए कहा कि मान अपनी प्रतिष्ठा या सम्मान अथवा गौरव का उचित अनुचित अभिमान या ध्यान होता है। आत्म गौरव या आत्मनिष्ठा का मन में रहने वाला भाव या विचार से मान उत्पन्न होता है ।
सम्मान, अपमान यह दुष्चक्र है जिसमें व्यक्ति घिर जाता है । मान  का भाव व्यक्ति के मन में मद से पैदा होता है। आगम में  जितने मद बताए गए हैं। उनमें मुख्यतया रूप, तन, धन, साधना, सेवा, ज्ञान और सत्ता से व्यक्ति में मद का प्रादुर्भाव होता है।  मद से अभिमान आता है, अभिमान प्राप्त होने पर आदमी सम्मान की अपेक्षा करता है और सम्मान नहीं मिलने पर वह अपमानित महसूस करता है। अभिमान व्यक्ति की भाषा से प्रारंभ होता है और बाद में यही  अभिमान आदमी के व्यवहार और दिनचर्या का एक हिस्सा बन जाता है। ऐसे अभिमानी व्यक्ति मैं, मेरा ,मुझको वाला भाव अपने व्यवहार में ग्रहण कर लेते है।
उन्होंने बताया कि हमें सम्मान और अपमान के दुष्चक्र से बाहर आकर स्वाभिमानी जीवन जीना चाहिए। स्वाभिमान अति विशिष्ट गुण है जो विरले व्यक्तित्व वाले लोगों में ही पाया जाता है। उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि मान, सम्मान ओर अपमान के चलते महाभारत मे कौरव और पांडवों के बीच युद्ध हुआ लेकिन  महाराणा प्रताप ने जो लड़ाई लड़ी वह स्वाभिमान की लड़ाई थी।
संघ अध्यक्ष लक्ष्मी लाल चंडालिया ने बताया कि श्रमण संघ के द्वितीय पटधर आचार्य श्री आनंद ऋषि जी मा सा की जन्म जयंती पर तीन दिवसीय कार्यक्रम के अवसर पर शुक्रवार को प्रभु पार्शवनाथ के एकासन व्रत रखे गए हैं। शनिवार को सजोड़ें “नमो आयरियानम” के जाप एवं आयम्बिल के आराधना कार्यक्रम रखे गए हैं। इसी कडी मे रविवार दिनांक 31 जुलाई को गुणानुवाद सभा का आयोजन रखा गया है। उन्होंने अधिक से अधिक धर्मावलंबियों को इन कार्यक्रमों में भाग लेने का आवाहन किया।
नवकार जाप प्रभारी नरेश भड़कतीया एवं सरोज नाहर ने बताया कि 30 जुलाई शनिवार के अखण्ड नवकार जाप सुरेंद्र सिंह, नरेंद्र सिंह, धर्मवीर कोठारी के निवास 64 शिव शक्ति नगर पार्वती गार्डन के पास प्रातः 7:15 से सायं 7:15 तक रखे गए हैं। संचालन अभय संजेती ने किया।

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