वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@डेस्क।
चित्तौड़गढ़। वर्षा जल की प्रत्येक बूंद को संरक्षित करें। यह निर्देश जल शक्ति अभियान के केन्द्रीय नोडल अधिकारी एवं भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी राजेन्द्र रत्नू संयुक्त सचिव , उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग , वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय , भारत सरकार नई दिल्ली ने मंगलवार को ग्रामीण विकास खण्ड सभागार में जल शक्ति अभियान के तहत आयोजित बैठक में जिला स्तरीय एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारी को दिये। संयुक्त सचिव भारत सरकार ने बैठक में विभिन्न अधिकारियों से विस्तृत चर्चा करते हुए गिरते भूजल स्तर पर चिंता व्यक्त कर ” केच दी रेन ” की अवधारणा को साकार करने हेतु वर्षा के जल संरक्षण की विभिन्न संरनाओं के निर्माण पर जोर दिया। साथ ही उन्होनें किसानों से आह्वान किया कि वे खेत में बूंद – बूंद सिंचाई और फव्वारा सिंचाई सयंत्रों का अधिक से अधिक उपयोग करें। जिससे पानी का समुचित उपयोग होकर भूजल को दोहन कम होगा। उन्होने कहा कि पारम्परिक खेती के साथ – साथ उद्यानिकी को भी बढ़ावा दिया जावें। साथ ही उन्होंने कहा कि जल संरक्षण की विभिन्न प्रकार की संरचनाओं का अधिक से अधिक जिले में निर्माण किया जावें। जिससे वर्षा जल बहकर जाने के बजाय इन संरचनाओं में संरक्षित होगा और निश्चित की भू – जल में वृद्धि होगी। बैठक में अभियान के केन्द्रीय तकनीकी अधिकारी यतवीर सिंह वैज्ञानिक राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान रूड़की, जिला कलक्टर अरविन्द पोसवाल, उप वन संरक्षक विजय एस . पाण्डेय, उप वन संरक्षक वन्य जीव सोनल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी राकेश पुरोहित, प्रक्षिशु आर.ए.एस. अधिकारीगण , आर . के . अग्रवाल अधीक्षण अभियंता वाटरशेड, जल संसाधन विभाग के अधिशाषी अभियंता राजकुमार शर्मा , जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिशाषी अभियंता डी.आर. सोनी , राजेन्द्र श्रीवास्तव सहित जलग्रहण विकास, भू – जल , कृषि , उद्यान आदि विभाग के अधिकारी एवं जिले के समस्त विकास अधिकारी उपस्थित थें।