चित्तौड़गढ़-गलत इलाज से मरीज के पैर काटने की आई नौबत, प्रतापनगर स्थित निजी अस्पताल में परिजनों ने किया हंगामा।
वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@डेस्क।
चित्तौड़गढ़। प्रतापनगर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल के डॉक्टर पर मरीज ने गलत इलाज का आरोप लगाया है। मरीज ने अपना इलाज अहमदाबाद में करवाया तो पता चला कि गलत इलाज के चलते उसका पैर काटा जाएगा। इस पर मरीज के परिजन और गांव वालों ने हॉस्पिटल पहुंचकर हंगामा शुरू कर दिया। हॉस्पिटल के मुख्य डॉक्टर सहित सभी डॉक्टर मौके से गायब हो गए। सूचना पर सदर थाना पुलिस भी पहुंची।
बस्सी निवासी कन्हैयालाल (21) पुत्र शंकरलाल भील कुछ दिन पहले बाइक से गिरकर घायल हो गया था। वह अपना इलाज जिला हॉस्पिटल में करवाने गया था। प्राइवेट हॉस्पिटल के दलाल मरीज को बहला-फुसलाकर शहर के प्रतापनगर स्थित राजस्थान हॉस्पिटल में ले गए। यहां इलाज के दौरान डॉ. कामिल हुसैन और डॉक्टर नयन सिलावट ने मरीज को चार-पांच दिन में ही ठीक करने का दावा किया और ऑपरेशन के लिए 40 हजार की मांग की। मरीज को एडमिट भी कर दिया। लेकिन हालत में सुधार नहीं होने के कारण मरीज के परिवार उसे पहले उदयपुर और उसके बाद अहमदाबाद ले गए। जहां पता चला कि गलत इलाज के चलते मरीज के पांव की नसे ब्लॉक हो गई और उससे गैंगरीन हो गया। जिस पर मरीज के परिजन वापस चित्तौड़गढ़ लौटे और मंगलवार को राजस्थान हॉस्पिटल पहुंचकर हंगामा कर दिया। परिजनों का आरोप है कि यहाँ बताया कि चिरंजीवी योजना से इलाज किया जाएगा, जबकि योजना में यह हॉस्पिटल रजिस्टर भी नहीं है।
थानाधिकारी ने हॉस्पिटल स्टॉफ को लगाई फटकार
सूचना पर सदर थाना अधिकारी विक्रम सिंह राणावत मय जाब्ता पहुंचकर जब जानकारी ली तो पता चला कि हॉस्पिटल में एक भी डॉक्टर उपस्थित नहीं थे। इस पर थानाधिकारी राणावत ने स्टॉफ को फटकार लगाई और कहा कि इतने मरीज को सिर्फ कंपाउंडर के भरोसे कैसे छोड़ दिया। उन्होंने तुरंत डॉक्टर कामिल हुसैन और डॉक्टर सिलावट को हॉस्पिटल पहुंचने की हिदायत दी। इसी दौरान कार्यवाहक CMHO राकेश भटनागर और चित्तौड़ DYSP बुद्धराज टांक भी पहुंचे।