वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@डेस्क।
चित्तौड़गढ़। जिले के 20 थानों में एकत्रित हुए मादक पदार्थों को शनिवार को जिला औषधि अध्ययन समिति ने मांगरोल स्थित जेके सीमेन्ट प्लांट के इंसुलेटर में जलाकर नष्ट किया। यह 180 मामलों में जब्त किया हुआ अफीम, डोडाचूरा, स्मैक, ब्राउन शुगर और गांजा है। यह मादक पदार्थ 2006 से 2022 के बीच जब्त किया हुआ है।
एसपी प्रीति जैन ने बताया कि जिले के 20 थानों के मालखानों में कई सालों से डोडाचूरा, स्मैक, अफीम, ब्राउन शुगर, गांजा रखा हुआ था और थाने में रखे होने के कारण सड़ गल गए थे। इसके अलावा सभी थाने भी फुल हो गए, जिसके कारण इन मादक पदार्थों को रखने की भी समस्या आ रही थी।
कार्रवाई के दौरान पुलिस अधीक्षक प्रीति जैन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कैलाश सांदू, पुलिस उप अधीक्षक निम्बाहेड़ा आशीष कुमार, पुलिस उप अधीक्षक यातायात लाभूराम बिश्नोई, संबंधित 20 थानों से थानाधिकारी और मालखाना प्रभारी, अपराध सहायक गोपाल शर्मा, रीडर महेन्द्र सिंह, कार्यप्रणाली शाखा प्रभारी जया वर्मा और कार्यप्रणाली शाखा के कर्मचारियों आदि की उपस्थिति में सभी रिकॉर्ड मिलान करने के बाद मादक पदार्थों का वजन किया गया। इस अवसर पर जे. के. सीमेंट वर्क्स मांगरोल के सीएसओ मेजर अरविन्द सिंह राठौड़, सीनियर मैनेजर (एच.आर.) ब्रिजेन्द्र सिंह राठौड़, सीनियर मैनेजर (सिक्योरिटी) मनोज कुमार त्यागी भी उपस्थित रहे।
20 थानों के मादक पदार्थों को किया नष्ट
जिले के थाना कोतवाली चित्तौड़गढ़, सदर चित्तौड़गढ़, कोतवाली निम्बाहेड़ा, सदर निम्बाहेड़ा, राशमी, गंगरार, कपासन, बेगूं, चन्देरिया, पारसोली मंगलवाड़, रावतभाटा, शम्भूपुरा, बड़ीसादड़ी, भूपालसागर, भैंसरोड़गढ़, जावदा, बिजयपुर, आकोला, निकुम्भ सहित कुल 20 पुलिस थानों में दर्ज कुल 180 मामलों में से 162 मामलों के अवैध मादक पदार्थ 352 क्विंटल 73 किग्रा 629 ग्राम डोडाचूरा, 15 मामलों के 1 क्विंटल 92 किग्रा 373 ग्राम गांजा, 2 मामलों के 83 ग्राम स्मैक और एक मामले में 50 ग्राम ब्राउनशुगर जब्त किया गया। जब्तशुदा अवैध मादक पदार्थों को मांगरोल स्थित जे के सीमेंट फैक्ट्री के इंसिलेटर में जलाकर नष्ट किया गया।
1 महीने पहले किया था 13 थानों के मादक पदार्थ नष्ट
करीब एक महीने पहले जिला औषधि व्ययन समिति ने 13 पुलिस थानों के 104 मामलों में जब्तशुदा 365 क्विंटल, 43 किग्रा डोडाचूरा, एक क्विंटल 75 किग्रा गांजा, 270 ग्राम स्मैक 2 किलोग्राम ब्राउनसुगर को इसी प्लान्ट के इंसुलेटर में जलाकर नष्ट किया गया था।