वीरधरा न्यूज़। भीलवाड़ा @ श्री आशीष नुवाल
भीलवाड़ा । शहर के बहु चर्चित महिला अरबन को-ऑपरेटिव बैंक के करोड़ो रुपए के घोटाला मामले में गिरफ्तार बोरदिया दम्पति को रविवार को कोतवाली पुलिस ने कोर्ट में पेश किया। जहां से कोर्ट ने आरोपी बोरदिया दम्पति को 2 दिसम्बर तक पुलिस रिमांड पर भेजने के आदेश दिए।
शहर कोतवाल नेमीचंद चौधरी ने जगत मंगल को बताया की महिला अरबन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड भीलवाड़ा एवं सांईनाथ धाम कम्पनी प्राईवेट लिमिटेड के आरोपी रविन्द्र बोरदिया, कीर्ति बोरदिया व अन्य के विरूद्ध फर्जी तरीके से विभिन्न लोगो के नाम ऋण प्राप्त कर करोड़ो रुपयो के गबन सम्बन्धी वर्ष 2016 से अब तक 30 प्रकरण दर्ज होकर आरोपियों की साल 2016 से तलाश जारी थी। जिनकी गिरफ्तारी के लिये गजेन्द्र सिंह जोधा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, मुख्यालय भीलवाडा व भँवर रणधीर सिंह वृताधिकारी, वृत शहर भीलवाडा के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई। गठित टीम द्वारा गहन प्रयास के दौरान उक्त दोनो आरोपियों को कल शनिवार को एयर फोर्स एरिया, जोधपुर शहर से डिटेन किया जाकर प्र.सं. 552/2016 धारा 406, 409, 420, 467, 468, 471, 120बी आईपीसी थाना कोतवाली भीलवाड़ा में गिरफ्तार किया गया है ।
उक्त प्रकरण में गिरफ्तार आरोपियों ने अन्य सहयोगियों से मिलकर महिला अरबन को-ऑपरेटिव भीलवाड़ा में कुल 73 महिलाओं के नाम से फर्जी दस्तावेज के आधार पर ऋण आवेदन कर व स्वीकृत कर कुल 3 करोड़ 50 लाख 77 हजार रूपये का ऋण स्वीकृत की राशि को नाकोड़ा एन्टरप्राईजेज व अन्य खातों में स्थानान्तरित कर धोखाधड़ी से हड़प कर लिये। शहर कोतवाल ने कहा की बोर्दिया दम्पति के अन्य सहयोगी की गिरफ्तारी के प्रयास भी जारी हैं।
गिरफ्तार आरोपी :-
रविन्द्र बोरदिया वल्द डालचन्द बोरदिया (61 ) कीर्ति बोरदिया पत्नी रविन्द्र बोरदिया( 56 ) निवासी डी -45 शास्त्रीनगर भीलवाड़ा ।
ये था फर्जीवाड़े का तरीका
आरोपियों द्वारा अन्य आरोपियों के साथ मिलकर योजना बद्ध तरीके से विभिन्न महिला आवेदको के नाम फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ऋण आवेदन प्रस्तुत कर करोडो रुपये के ऋण स्वीकृत करा राशि अपने द्वारा संचालित विभिन्न फर्मों व अपने-अपने सहयोगियो के बैंक खातों में स्थानान्तरित कर रुपये ऐठ धोखाधड़ी करना व श्री साँईनाथ धाम डवलपर्स प्राईवेट लिमिटेड के डायरेक्टरो से मिलीभगती कर शहर भीलवाड़ा के भोले- भाले लोगों को किस्तो मे प्लॉट देने की योजना बताकर किस्तो की करोडो रुपये की राशि प्राप्त कर ग्राहकों को प्लॉट नही देना व उनके द्वारा जमा राशि को धोखाधड़ी पूर्वक श्री साँईनाथ धाम के डायरेक्टरो के साथ मिलकर हड़पने का था आरोप।