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राज्यमंत्री सुरेन्द्र सिंह जाड़ावत ने जिले सहित प्रदेश के अफीम किसानों की समस्या को लेकर आयुक्त को लिखा पत्र।

वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@डेस्क।

चित्तौड़गढ़।अध्यक्ष राजस्थान धरोहर संरक्षण प्रोन्नति प्राधिकरण सुरेंद्र सिंह जाड़ावत ने आयुक्त नारकोटिक्स विभाग कोटा को पत्र लिखकर कहा है कि वर्ष 1998 से 2021 तक रुके हुए पट्टे औसत कमी 5 वर्ष की गणना कर 100% जिनकी औसत उपज दी है उनको लाइसेंस दिलाने के संबंध में साधारण पॉलिसी बनाई जाए इसमें पिछली घटिया की 9% बाध्यता रखने पर ना तो काश्तकारों के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है ना ही विभाग के पास कोई रिकॉर्ड है ऐसी स्थिति में काश्तकार परेशान होकर रिश्वतखोर दलालों के शिकार होते हैं।
अफीम पॉलिसी में एनडीपीएस केस किसी के ऊपर होने पर उसका पट्टा विभाग द्वारा तुरंत रोक दिया जाता है जो न्याय पूर्वक नहीं है इसमें 8 / 29 में बहुत सारे काश्तकारों को रंजिश पूर्वक झूठा फंसाया जाता है पॉलिसी में इसका संशोधन करा कर जब तक न्यायालय द्वारा दोषी साबित नहीं किया जाऐ तब तक काश्तकारों के पट्टे नहीं रोका जाए इस तरह का पॉलिसी में पैरा मे सुधार किया जाए जिससे निर्दोष अफीम काश्तकारो को न्याय मिलेगा और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा।
राज्यमंत्री ने कहा है कि वर्ष 2022-23 के लाइसेंस की पात्रता में निर्धारित औसत में भारी छूट दी जाए क्योंकि इस वर्ष ओलावृष्टि बारिश और प्राकृतिक आपदा से चलते हुए अफीम में भारी नुकसान हुआ था इस वर्ष की मार्फिन औसत पात्रता हेतु 3.5 रखी जाए।
अफीम का भाव कम से कम 5000 से ₹50000 किलो किया जाए, इस तरह की पॉलिसी बनाने से देश हित को एवं देश के नागरिकों को भी पोस्त दाना भी सस्ते दाम पर उपलब्ध होगा एवं विदेशों से आयात पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा जिससे भारत का अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।
पत्र में लिखा है कि 2010-11 से 2021-22 तक अफीम घटिया के कारण जिन काश्तकारों के पट्टे कटे गए उन काश्तकारों को सीपीएस पद्धति में लाइसेंस जारी करवाया जाए। जिससे सभी अफीम काश्तकार व चित्तौड़गढ़ के कृषकों को लाभ प्राप्त होगा।

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