वीरधरा न्यूज़।डुंगला@ श्री अमन अग्रवाल।
डुंगला। बेटियां होती है कुल की लाज इन्हीं से चलता है वंश उक्त बात पंडित सुखवाल ने चिकारड़ा में चल रही पांच दिवसीय भागवत कथा के दौरान कही। उनके द्वारा बताया गया कि सृष्टि के आदि पुरुष मनु महाराज के कोई संतान नहीं थी। उन्होंने तपस्या कि तब भगवान विष्णु ने प्रसन्न होकर उनको तीन पुत्रियां आकूति प्रसूति और देवहूती प्रदान की। इन्हीं से उनका वंश आगे चला और देवहूति के गर्भ से स्वयं भगवान विष्णु ने कपिल अवतार लेकर लाखो वर्ष पहले यह संदेश दिया कि बेटियों का स्थान पुत्र से कई गुना ऊंचा है। बेटे एक कुल को रोशन करते हैं जबकि बेटियां तीन-तीन कुल को रोशनी प्रदान करती है। इसी संदर्भ में वर्तमान समय में हो रही भ्रूण हत्या पर कड़ा संदेश देते हुए श्रीमद् भागवत कथा सत्संग के तीसरे दिन गौ भक्त पंडित राधेश्याम सुखवाल ने बताया कि भ्रूण हत्या एक महान पाप है। जिसका किसी भी प्रकार से कोई प्रायश्चित संभव नहीं है। भ्रूण हत्या करने करवाने और उनका सहयोग करने वाले तीनों ही प्राणी अनंत काल तक घोर नरक में वास करते हैं। साथ ही ऐसे घरों में सदैव सूतक रहता है। उनका अन्न जल ग्रहण करना भी उनके पाप का भागीदार बनना है। सनातन संस्कृति में कन्या पूजन और कन्यादान का महत्व 1000 अश्वमेध यज्ञ करने से भी अधिक पुण्यदाई होता है। जिस घर में कन्या का विवाह नहीं होता है, वह सदैव कुंवारा अविवाहित ही रहता है। इसी के लिए तुलसी विवाह का प्रचलन शास्त्रों में वर्णित है। तुलसी विवाह वही लोग करते हैं जिनके घर कन्या नहीं होती है। पुत्र एक पिता को मात्र पुंनाम नरक से मुक्ति दिलाता है जबकि शेष 27 नरको से मुक्ति कन्या पूजन एवं कन्यादान से ही संभव है। सनातन हिंदू संस्कृति में कन्या को पुत्र से कहीं अधिक अधिकार प्राप्त थे। और वर्तमान में भी हैं। जन्म से कन्या पूजन दहेज जापा आना गोना माहेरा से लेकर मृत्यु पश्चात गोरनी तक के कर्म केवल कन्या के ही होते हैं। बेटियों के महत्व को समाज में प्रतिस्थापित करके सनातन संस्कारों के पुनरुत्थान के लिए श्री राम सेवा संस्थान गोशाला एवं संस्कार आश्रम निंबाहेड़ा से सनातन हिंदू धर्म रक्षा संघ के माध्यम से निकाली गई पदयात्रा चित्तौड़गढ़ जिले के समस्त शक्ति पीठ पहुंच कर 151 गांव में 3000 किलोमीटर पैदल चलकर यह संदेश घर घर पहुंचा रही है।
अभी तक यात्रा चित्तौड़गढ़ जिले के प्रमुख शक्तिपीठ जोगणिया माता जी सगरा माता,लालबाई फूलबाई माताजी जी, मरमी माताजी,झांतला माता जी,कालिका माता जी, आसावरा माताजी और चेना माता जी होती हुई चिकारड़ा से होते हुए श्री सांवरिया सेठ के दरबार में पहुंची है। यहां से यात्रा एलवा माता से भंवर माता होते हुए 13 जुलाई को गौशाला निंबाहेड़ा पहुंचेगी।
उक्त जानकारी देते हुए यात्रा संयोजक मदन लाल ने बताया कि यात्रा के दौरान स्थान स्थान पर संस्कार भागवत कथाओं का आयोजन कर जन-जन में सनातन हिंदू संस्कार स्थापित करने के क्रम में चिकारड़ा में सातवा आयोजन है। जोकि 28 मई तक चलेगा।
कथा में आज होने वाले श्री कृष्ण जन्मोत्सव का निमंत्रण श्री सांवरिया सेठ जी को देने के लिए 100 से अधिक गौ भक्त पैदल चलकर सांवरिया जी पहुंचे। पदयात्रा की व्यवस्था में दिनेश अग्रवाल,रामेश्वर लाल,मदनलाल, रामेश्वर लाल खंडेलवाल सहित नगर के कई धर्म प्रेमी सहयोग कर रहे हैं।