मुमुक्षु सिद्धि नाहर का चिकारड़ा में निकाला वरघोड़ा दीक्षा आचार्य रामलाल जी मासा के सानिध्य में उदयपुर में 3 अगस्त को होगी।
वीरधरा न्यूज़।डुंगला@ श्री अमन अग्रवाल।
डुंगला। मुमुक्ष सिद्धि नाहर का चिकारडा जैन समाज द्वारा दीक्षा को लेकर वरघोड़ा निकाला गया। जानकारी में दिलीप धींग द्वारा बताया गया कि चिकारड़ा जैन समाज द्वारा मुमुक्ष सिद्धि नाहर निवासी धमतरी छत्तीसगढ़ का सोमवार को घोड़ा निकाला गया। जो समता साधना भवन से प्रारंभ होकर मुख्य बाजार बस स्टैंड मंगलवाड़ निंबाहेड़ा मार्ग होता हुआ सांवरिया जी चौराहा पहुंचा। जहां से पुनः प्रजापत मोहल्ला होता हुआ समता साधना भवन पहुंचा। जहां धर्म सभा का आयोजन हुआ। जिसमें समाज के सभी युवा बुजुर्ग बालक बालिकाएं घरघोड़ा में शामिल हुए। इस मौके पर समता सातवा भवन में विराजित महासती पावन श्री आदि ठाणा चार विराजित है। धर्म सभा के दौरान जीवन पर प्रकाश डाला। उक्त पावन श्री महासती महारासा ने अपना चातुर्मास छत्तीसगढ़ में ही पूर्ण किया था। उसी चातुर्मास काल के दौरान बहन सिद्धि नाहर ने अपनी भावना दीक्षा के रूप में चालू की उनकी भावना अनुरूप उन्हें आज्ञा पत्र आचार्य रामलाल जी मारासा की सेवा में दिया गया। उनकी दीक्षा 3 अगस्त को उदयपुर में होना निश्चित हुआ है। आज के भौतिकता वाले युग में दीक्षा को लेकर ऐसे भाव आना दुर्लभ ही है। ऐसी विरले ही आत्मा पर अंकुश लगाकर दीक्षा की दिशा में बढ़ते हैं। 24 वर्षीय मुमुक सिद्धि नाहर भी ऐसी ही बिरला युवती है जिन्होंने संयम पथ पर चलकर समाज को नई दिशा देने का संकल्प आचार्य रामलाल जी महाराज साहब से लिया। संकल्प सीन होने बाला बहुत ही सादा जीवन जीता है तभी जाकर आत्मा मैं परमात्मा दिखता है बहन सिद्धि नाहर का वैराग्य काल 4 वर्ष रहा है वैराग्य काल के दौरान माता पिता की अनुमति के चलते इस मुकाम तक पहुंचे हैं चिकारडा समाज द्वारा ऐसी आत्मा के लिए संयम पथ पर चलने के लिए अनुमोदना की।
इस मौके पर सुंदर लाल लोढा, दिलीप धींग, पारसमल कोठारी, शौकीन कोठारी , प्रकाश धिंग, कैलाश चंद्र लोढ़ा, पारसमल लोढ़ा, भगवती लाल बोहरा, नन्दलाल, संजय लोढ़ा, श्यामलाल मट्ठा के अलावा समाजी महिलाएं उपस्थित थी।