वीरधरा। डुंगला@ श्री पवन अग्रवाल
डूंगला उपखंड क्षेत्र के किशन करेरी पक्षी विहार में आने लगे विदेशी मेहमान पक्षी रास आया हिंदुस्तान का कल्चर जानकारी में बताया गया कि पर्यावरण की दृष्टि से किशन करेरी का तालाब अपने आप में बहुत ही महत्व रखता है इस ग्राम में द्वारकाधीश का मंदिर प्राचीन मंदिर है द्वारकाधीश की मूर्ति किसी तालाब से निकली थी जिसके चलते धार्मिक आस्था जुड़ी है ग्रामीण धार्मिक उत्सव पर इस तालाब पर आकर पूजा अर्चना करते हैं अतीत की माने तो उक्त तालाब दुर्दशा का शिकार था जिसमें गंदगी अवैध खनन गंदा कचरा ग्रामीण तो शौच आदि कर गंदगी फैलाते इसके चलते ग्रामीण युवाओं को तालाब की दुर्दशा रास नहीं आई और उन्होंने इसका सरंक्षण का जिम्मा लिया तथा एक संगठन खड़ा किया जिसका नाम पक्षी विहार संगठन दिया गया इसके बाद से इस तालाब पर स्वच्छता पर्यावरण अवैध खनन अवैध कटाई शौच मुक्त करते हुए आगे बढ़े वही पर्यावरण को सार्थक बनाने के लिए हजारों पौधे लगाकर पर्यावरण का साथ दिया वही तालाब में पक्षियों के ठहराव के लिए जल में टापुओं का निर्माण कर व्यवस्था की बाहर से आने वाले पक्षी प्रेमियों के लिए मचान झोपड़िया चबूतरा निर्माण करवाए गए 2015 से लगातार इस क्षेत्र में लोकल पक्षियों के अलावा विदेशियों पक्षियों का आवागमन बना रहा इस पक्षी विहार को उदयपुर जयपुर करौली के साथ विदेशी मेहमानों ने भी देखा इसके साथ वन विभाग पक्षी प्रेमियों पक्षी विद्वानों ने दौरा कर समय-समय पर संगठन को दिशा निर्देश देते हुए इसको बनाने का प्रयास किया वही पक्षी प्रेमियों द्वारा क्षेत्र की पक्षियों पर पेंटिंग भी की गई सर्दियों के मौसम में लगभग 48 तरह के विदेशी पक्षी मेहमान आते दिखे जहां एक और किशन करेरी पक्षी विहार की विदेशों तक ख्याति फैली है उसका श्रेय पक्षी विहार संगठन को जाता है।