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सोनियाना- श्रीमद् भागवत कथा सुनने के लिए आ रहे हैं आसपास के बड़ी संख्या में श्रदालु, प्रधान चौधरी ने भी की शिरकत।

 

वीरधरा न्यूज।सोनियाना@ श्री कालु सेन।
सोनियाना।गांव हथियाना में आयोजित भागवत कथा को श्रवण करने उमडे सैकडो महीला पुरूष, प्रधान भैरू लाल चौधरी ने कथा स्थल पहुॅच कर कथा वाचल ललीत शरण महाराज का किया अभिनन्दन।
भागवत कथा के तीसरे दिन कथा के दोरान कथा वाचक ललीत शरण महाराज ने कहा की। तत्वज्ञान का प्राणियों को उपदेश करने के लिए सृष्टि के प्रारंभिक पद्मकल्प के स्वयंभूव मन्वंतर में ही प्रजापति कर्दम के यहां उनकी पत्नी देवहूती से भगवान ने कपिल रूप में अवतार ग्रहण किया। अपनी माता देवहुती को ही भगवान ने सर्वप्रथम तत्व ज्ञान एवं भक्ति का उपदेश किया। मृत्युलोक में परमविरक्त वे मनु पुत्री देवहुतीजी ही सर्वप्रथम भागवत ज्ञान की अधिकारीनी हुई और उसे प्राप्त करके उनका स्थूल शरीर भी दिव्य हो गया। जब देवहूति जी भगवान कपिल द्वारा उपदेश किए भागवत ज्ञान में चित को एक करके सिद्धावस्था को प्राप्त हो गयी तब उन्हें पता तक नहीं चला कि उनका शरीर कब गिर गया। उनका वह पावन देह द्रव होकर सरिता बन गया और अब प्राणियों के लिए वह तीर्थ है।
माता को भगवान कपिल ने जिस ज्ञान का उपदेश किया उसका बड़ा सुंदर वर्णन श्रीमद्भागवत के तीसरे स्कंध में है। ज्ञान के लिए आवश्यक है कि प्राणी के मन में संसार के समस्त भोगों से वैराग्य हो।कथा का एक बार नशा लग जाए और परमात्मा के श्रीचरणों में हमारा अनुग्रह हो जाए तो दुनिया में फिर हमें कुछ भी जंचता नहीं है। सिर्फ परमात्मा ही परमात्मा दिखता है। कथा के दौरान कपासन पंचायत समिति प्रधान भैरू लाल चौधरी ने कथा स्थल प्रभु छाया गार्डन पहुॅच कर कथा वाचक ललीत शरण महाराज का अभिनन्दन किया।

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