चित्तौड़गढ़-परिणामो में भारी खामियों को लेकर विद्यार्थियों ने कुलपति के नाम प्राचार्य को ज्ञापन सौंपा।
वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@डेस्क।
चित्तौड़गढ़। आरएनटी लॉ कॉलेज चित्तौड़गढ़ के प्राचार्य को परिणामो में खामियों के चलते कुलपति के नाम सौंपे ज्ञापन में बताया कि गत 14 अप्रैल 2022 को भीमराव अंबेडकर विधि विश्वविद्यालय,जयपुर द्वारा राजस्थान में इससे सम्बद्ध कुल 82 महाविद्यालयों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एक मीटिंग के दौरान मात्र कार्यपूर्णता दिखाने के चक्कर में जल्दबाजी में विधि प्रथम वर्ष के परीक्षा परिणाम घोषित कर दिए, जिसमें प्राप्त परीक्षा परिणाम सभी विद्यार्थियों, महाविद्यालय प्रशासन व अभिभावकों की आशा के पूर्ण विपरीत व भारी खामियों सहित त्रुटिपूर्ण रहे, जिसके चलते सम्पूर्ण राजस्थान के विद्यार्थियों में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है व सिरोही, सीकर, अजमेर सहित कई जिलों में जगह-जगह ज्ञापन व आक्रोश प्रदर्शन के कार्यक्रम किए जा रहे हैं।
छात्र नेता हिम्मत चतुर्वेदी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इसी क्रम में 16 अप्रैल को भी पूर्व में रवीन्द्रनाथ टैगोर विधि महाविद्यालय के विधि प्रथम वर्ष के विद्यार्थीगण अंशु शुक्ला के नेतृत्व में विश्वविद्यालय के कुलपति के नाम प्रार्थना पत्र देकर आए थे किन्तु विश्वविद्यालय द्वारा अब तक कोई संतोषपूर्ण कदम नहीं उठाने के कारण पुनः दिनांक 20 अप्रैल बुधवार को महाविद्यालय के विधि प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय के कुलपति के नाम प्राचार्य डॉ. जे. अब्राहम को ज्ञापन देने पँहुचे।
अंशु शुक्ला ने यह बताया कि 2 वर्ष से कोरोना काल में भी नियमित रहकर पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों का इस प्रकार का आशा विपरीत व अप्रत्याशित निम्न परिणाम आज तक महाविद्यालय का नहीं रहा व इतने अच्छे तरीके से पेपर देने के बाद भी इस तरह का खराब परीक्षा परिणाम किसी बड़ी त्रुटि को इंगित करते हुए विश्वविद्यालय की भी कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगाता है, साथ ही विश्वविद्यालय द्वारा लिए गए प्रश्नपत्रों में 3 बड़े प्रश्न मात्र डेढ़ घंटे में करने होते थे, ना प्रत्येक प्रश्न का कोई अंक होता था, ना कोई शब्द सीमा, ना उत्तर लिखने का कोई विशेष प्रारूप।
ज्ञापन में विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय के कुलपति से सद्भावनापूर्वक यह मांग रखी है कि उक्त घोषित विधि प्रथम वर्ष के परिणामों में अधिकतम विद्यार्थियों को अनुत्तीर्ण, पूरक परीक्षा टिप्पणी अथवा द्वितीय श्रेणी से उत्तीर्ण किया है जो कि असंभव है क्योंकि इनमें कई होनहार विद्यार्थी भी शामिल हैं। अतः परीक्षा परिणामों में, रही भारी खामियों की उच्च विधि व्याख्याताओ व अधिकारियों से निष्पक्ष जांच करवाकर परिणाम मोडरेट करवाया जाना, संशोधित परिणाम शीघ्र पुनः प्रकाशित करना, विद्यार्थियों को पुनर्मूल्यांकन में 3 से बढ़ाकर न्यूनतम 5 विषय तक पुनर्मूल्यांकन करवाने का अवसर प्रदान करना तथा आगामी परीक्षाओं की समयावधि डेढ़ घंटे से बढ़ाकर 3 घंटे की जाना ही सभी विद्यार्थियों व विश्वविद्यालय हित में न्यायोचित्त होगा। तथा यदि ये परिणाम मात्र मुख्यमंत्री को कार्यकुशलता का दिखावा करने के कारण हुई लापरवाही, कॉपी की ऑनलाइन स्कैन ठीक प्रकार नहीं होने के कारण अथवा विद्यार्थियों से भारी मात्रा में पुनर्मूल्यांकन का शुल्क वसूल करने हेतु त्रुटिपूर्ण रहे हैं तो राजस्थान के विद्यार्थी उनके भविष्य के साथ हुए इस खिलवाड़ को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे।
विद्यार्थियों आँचल शर्मा व रामेश्वर अहीर ने कहा कि अगले 7 दिनों तक यदि विश्वविद्यालय द्वारा हमारी सम्पूर्ण राजस्थान के विद्यार्थियों के हित में रखी गई इन मांगों को नहीं माना जाता है जो मजबूरन विधि विद्यार्थियों को सड़कों पर आकर उग्र प्रदर्शन करना होगा जिसकी जवाबदारी विश्वविद्यालय प्रशासन व सरकार की रहेगी।
इस अवसर पर आकाश छिपा, पूजा रेगर, सुरभि मेहता, ममता चौहान, टीना लक्षकार, स्वाती सेन , वर्षला पारिक, लखन पारिक ,संजय शर्मा , प्रिंस मुनावत, दुर्गाशंकर सुखवाल, उद्धव पालेचा, दिनेश कुमार जैन , हेमंत साहू, सुनीता यादव, सुहानी जैन, फ़ौजिया मंसूरी, सीमा सहित विधि प्रथम वर्ष के कई विद्यार्थीगण अपनी मांगों को लेकर उपस्थित रहे।