वीरधरा न्यूज़।निम्बाहेड़ा@डेस्क।
निंबाहेड़ा। घाणावार तेली समाज के मंदिर उद्यापन एवं सामूहिक विवाह के शुभ अवसर पर समाज द्वारा सामूहिक विवाह सम्मेलन से पूर्व सात दिवसीय भागवत कथा ज्ञान गंगा महोत्सव का आयोजन आज दूसरा दिन भागवत कथा वाचक जयमाला दीदी नीलिया जावद की संगीत मधुर में आवाज एवं वाणी द्वारा आज ही विवाह संपन्न हुआ।
कथावाचक जयमाला दी ने संपूर्ण शिव विवाह के बारे में समाज को विस्तार से बताते हुए शिव एवं पाता की झांकी बनाकर उनका विवाह करवाया गया जहां पर समाज के सभी महिला पुरुषों में शिव विवाह पर खूब नृत्य किया एवं भागवत ज्ञान गंगा का नियमित रूप लाभ लिया समाज के प्रबुद्ध एवं बुद्धिजीवी व्यक्तियों द्वारा नियमित रूप से व्यवस्थाओं का जायजा लिया जाकर हर जरूरतों के मद्देनजर रखकर सामूहिक विवाह सम्मेलन एवं मंदिर उत्पादन कार्यक्रम तथा तुलसी विवाह को आदर्श एवं उत्कर्ष बनाने का पूर्ण प्रयास किया जा रहा है जहां पर युवाओं द्वारा एवं महिलाओं द्वारा पूर्ण प्रयास के साथ तन मन एवं समय के साथ में कार्य करते हुए हर कार्यक्रम को सफल बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जयमाला दीदी ने शिव-पार्वती विवाह का प्रसंग सुनाया। प्रसंग सुन श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। इस दौरान शिव-पार्वती विवाह की झांकी भी सजाई गई।
कथावाचक जयमाला ने शिव विवाह का वर्णन करते हुए कहा कि पर्वतराज हिमालय की घोर तपस्या के बाद माता जगदंबा प्रकट हुईं और उन्हें बेटी के रूप में उनके घर में अवतरित होने का वरदान दिया। इसके बाद माता पार्वती हिमालय के घर अवतरित हुईं। बेटी के बड़ी होने पर पर्वतराज को उसकी शादी की चिंता सताने लगी। कहा कि माता पार्वती बचपन से ही बाबा भोलेनाथ की अनन्य भक्त थीं। एक दिन पर्वतराज के घर महर्षि नारद पधारे और उन्होंने भगवान भोलेनाथ के साथ पार्वती के विवाह का संयोग बताया।
उन्होंने कहा कि नंदी पर सवार भोलेनाथ जब भूत-पिशाचों के साथ बरात लेकर पहुंचे तो उसे देखकर पर्वतराज और उनके परिजन अचंभित हो गए, लेकिन माता पार्वती ने खुशी से भोलेनाथ को पति के रूप में स्वीकार किया। विवाह प्रसंग के दौरान शिव-पार्वती विवाह की झांकी पर श्रद्धालुओं ने पुष्प बरसाए। कथा व्यास ने विवाह प्रसंग के दौरान सुंदर भजनों की प्रस्तुति भी दी।
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