वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@डेस्क।
चित्तौडगढ। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम 1994 के अंतर्गत जिला सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन जिला समुचित प्राधिकारी (पीसीपीएनडीटी) एवं जिला कलक्टर अरविन्द पोसवाल की अध्यक्षता में किया गया।
बैठक मे जिले के जन्म पर बाल लिंगानुपात, पीसीपीएनडीटी अधिनियम के अन्तर्गत पंजीकृत केन्द्रो के निरीक्षण पर विस्तृत चर्चा की गयी। समुचित प्राधिकारी को समस्त रजिस्ट्रीकृत केन्द्रों को प्रत्येक त्रैमास में एक बार निरीक्षण करने के निर्देश प्रदान किये गये। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं नोडल अधिकारी पीसीपीएनडीटी डॉ0 रामकेश गुर्जर ने जानकारी देते हुये बताया कि पूर्व में मुखबिर योजना के तहत पूर्व में रु 2,50,000 रुपये तक की राशि प्रोत्साहन स्वरूप दी जाती थी, जिसे अब बढ़ाकर 3,00,000 (तीन लाख) रूपये किया गया है। योजना को और व्यावहारिक और आकर्षक बनाते हुये सफल डिकॉय ऑपरेशन पर मुखबिर, डिकॉय गर्भवती महिला एवं सहयोगी को दो किस्तों में कुल तीन लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जायेगा।
समस्त खण्ड मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को मुखबिर योजना के पोस्टर का प्रदर्शन ग्राम पंचायत पर व सीएचसी व पीएचसी पर कराने के निर्देश दिये गये । बैठक मे डॉ ओ.पी कुल्हरी,अति. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (प.क) , डॉ.राहुल कौशिक ,उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वा.अधिकारी , डॉ. राकेश भटनागर जिला क्षय रोग निवारण अधिकारी, डॉ सुनिता बीर स्त्री रोग विशेषज्ञ, डॉ कमलेश जैन सोनोलोजिस्ट, शफीक इकबाल शेख जिला समन्वयक पीसीपीएनडीटी आदि उपस्थित थे।