वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@डेस्क।
चित्तौड़गढ़। विश्व जल दिवस पर मंगलवार को जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग चितौडगढ द्वारा ऋतुराज वाटिका मीरा नगरी में भव्य कार्यशाला का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि अतिरिक्त जिला कलक्टर रतन कुमार, पूर्व मुख्य अभियन्ता भगवत सिंह तंवर, पूर्व अतिरिक्त मुख्य अभियन्ता, निर्मल चितौडा व अधीक्षण भू-जल वैज्ञानिक सामर, अतिरिक्त जिला कलक्टर ने जल बचाने तथा जल के आदिकाल से उपयोग के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए पूर्व में पेयजल स्त्रोतों को देवी देवता के रूप में पूजा जाता था। भगवत सिंह तंवर ने जल के दुरुपयोग को रोकने एवं भू-जल संरक्षण हेतु रिचार्ज स्ट्रक्चर बनाने के संबंध में अवगत कराया।
चितौडा द्वारा वर्तमान परिप्रेक्ष्य में उपलब्ध संसाधनों को सकारात्मक सोच के साथ उपयोग करने एवं संरक्षण करने पर बल दिया, जिससे आने वाली पीढ़ियों को पर्याप्त जल उपलब्ध हो सके तथा सामर द्वारा प्रोजेक्टर पर देश में 21 बडे शहर आगामी समय में भू जल की उपलब्धता लगभग शून्य के कगार पर पहुंचने से सावचेत किया। अधिकांश प्रदेशों तथा बडे शहर जल के संकट से जूझ रहे है। समय रहते लोगों द्वारा जल संरक्षण एवं जल के दुरुपयोग को नहीं रोका गया तो बडे शहरों की भांति शेष क्षेत्रों को भी जल दोहन के कारण डार्क जोन का सामना करना पडेगा, जिससे वर्ष 2040 तक ही भू जल समाप्त होने की आशंका व्यक्त की गई है।
अधीक्षण अभियन्ता जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग वृत चित्तौड़गढ़ द्वारा विश्व जल दिवस 22 मार्च 2022 की थीम ‘‘भू-जल अदृश्य को दृश्य बनाने’’ पर विस्तार से चर्चा करते हुए भू जल स्तर को बढाने के पौराणिक व आधुनिक तरीकों को अपनाने पर जोर दिया। इस अवसर पर श्रेष्ठ कार्य हेतु विनोद नायक, सहायक अभियन्ता, जन स्वा. अभि. विभाग, उपखण्ड बेगूं, वीडब्ल्यूएससी सदस्य नारायण व श्रेष्ठ सरपंच के लिए ओछडी सरपंच को सम्मानित किया गया।