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महेश वाटिका में चौथे दिन भव्य नंद महोत्सव आयोजन में उपस्थित सभी श्रद्धालु भावविभोर हो नृत्य करने लगे।

 

वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@डेस्क।
चित्तौड़गढ़।सोनी माहेश्वरी परिवार द्वारा महेश वाटिका ग्राऊण्ड में आयोजित श्री मद् भागवत सप्ताह ज्ञान महायज्ञ के चतुर्थ दिवस पर व्यासपीठ से संत दिग्विजय राम महाराज ने बताया कि अगर निर्मल मन और भाव हो तो ठाकुर जी प्रसन्न हो जाते हैं ।भक्त प्रहलाद ही रामस्नेही संप्रदाय के रामचरण महाराज के रुप में अवतरित हुए। संतश्री ने कहा कि संसार में रहकर सांसारिक कार्यों को भी भगवान का कार्य समझकर ईश्वर स्मृति के साथ करें तो यह गृहस्थ के लिए मुक्ति का मार्ग होगा।
कथा आयोजक कैलाशचन्द्र सोनी ने बताया कि व्यासपीठ ने गजेंद्र मोक्ष का पावन प्रसंग श्रवण कराते हुए उन्होंने कहा कि जब परिवार का कोई साथ नहीं दे सका तब उसने परमात्मा को करुण पुकार की। गजेंद्र की नारायण नारायण की ध्वनि व करुण पुकार को सुनकर भगवान दौड़े दौड़े आए और अपने सुदर्शन चक्र से मगरमच्छ का सिर काट कर रक्षा की व मगरमच्छ का भी उद्धार किया। क्योंकि जो भगवान का नाम सुन लेता है उसका स्वतःउद्धार हो जाता है। भगवान के नाम में इतनी शक्ति है। भोलेशंकर तथा पार्वती जी की कथा बताते हुए उन्होंने गृहस्थ जीवन में रहने की सीख देते हुए बताया कि परिवार में एक भी व्यक्ति सहन शक्ति से परिपूर्ण हो जाए तो उस परिवार में सुख अवश्य प्राप्त होता है तथा समाज में उस परिवार की इज्ज़त होती है। आज की महती आवश्यकता है कि परिवार में भगवान की भक्ति के साथ साथ सहन शक्ति भी हो तभी परिवार को बांधे रख सकते है।समुद्र मंथन द्वारा अमृत कलश प्रकट होने व भगवान के मोहिनी रूप व वामन अवतार की पावन कथा विस्तार से सुनाई। कृष्ण जन्म का भव्य नंद महोत्सव का आयोजन में महेश वाटिका में उपस्थित सभी श्रद्धालु भावविभोर हो नृत्य करने लगे।अमरीश चरित्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे संपन्न होने पर भी अपने कार्य अपने हाथ से किया करते थे ।सेवा का कार्य अपने स्तर हमको स्वयं करना चाहिए।संपन्न होने पर भी अपना स्वभाव सरल व सौम्य रखना चाहिए। संतों की शरण में आकर भगवत प्राप्ति की राह अपनाएं।
मंच पर आलोट के रामस्नेही संत ईश्वर दास महाराज ,सागवाड़ा रेन पीठ के संत उदयराम महाराज व स्थानीय रामद्वारा के संत रमताराम महाराज भी सुशोभित थे।
इस कथा में सुदूर क्षेत्रों के कई श्रद्धालुओं ने भी कथामृत का लाभ लिया। मुकेश आगाल सत्यनारायण बांगड विनोद लढ़ा, शिवनारायण डाड आदि ने भी सोनी परिवार के साथ आरती में भाग लिया।मंच संचालन लीला आगाल ने किया।

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