वीरधरा न्यूज़।शंभूपुरा
जहा कोरोना जैसी महामारी में लोग एक दूसरे को छूने तक से डर रहे है वही अपनी जान जोखिम में डालकर भी जरूरतमन्दों लोगो का जीवन बचाने में एटीबीएफ के रक्तयोद्धा पीछे नही हट रहे है।
एटीबीएफ संस्थापक सुनील ढ़ीलिवाल ने बताया कि जब भी जहा भी देश भर से हमे सोशल मीडिया पर नीड़ प्राप्त होती है उस जरूरतमंद का केस देखकर हरसम्भव मदद की जाती है ऐसे में हर समय एटीबीएफ के लाइव रक्तदाता भी बॉर्डर पर खड़े सैनिकों कि तरह ही सेवा में तत्पर रहते है।
जिला चिकित्सालय में भर्ती एक 5 माह के मासुम को जब अर्जेंट फ्रेस ब्लड की आवश्यकता की नीड़ एटीबीएफ व्हाट्सएप ग्रुप में आई तो एटीबीएफ की महिला कॉर्डिनेटर कोमल जोशी ने पूर्ण सक्रियता दिखाते हुए मात्र 10 मिनिट में ब्लड बैंक पहुच गई और रक्तदान कर मासुम को नया जीवन दिया। बता दे कि कोमल पूर्व में भी कई बार लाइव डोनेशन कर चुकी है।
देर रात पहुच किया रक्तदान
एटीबीएफ के रक्तवीरो में एक खासियत है कि वो किसी का जीवन बचाने के लिए कभी समय नही देखते ओर ऐसा की एक केस जिला चिकित्सालय में आया जिसमे 10 दिन के बच्चे को फ्रेस ब्लड की आवश्यकता थी तो देर रात को भी पावटा चोक निवासी पुरुषोत्तम साहु ने चंद समय मे ही पहुच रक्तदान कर मासुम का जीवन बचाया।
बच्चो के जन्मदिन पर माँ ने किया रक्तदान
एटीबीएफ की मुहिम बर्थडे को ब्लड डे के रूप में मनाना, एक माँ को इतनी पसन्द आई कि वो अपने बच्चों के जन्मदिन पर भी इस परोपकार को करने से पीछे नही रही और एटीबीएफ महिला टीम से रीना जागेटिया ने रक्तदान करते हुए किसी का जीवन बचाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
भीलवाड़ा से किसी काम से चित्तोड आये एक्सीडेंट केस था पहले रक्तदान किया
लोग अक्सर पहले अपने काम को तवज्जो देते है लेकिन कुछ योद्धा ऐसे होते है जिनमे सेवा का भाव सबसे सर्वोपरि रहता है ऐसे ही सांवरियाजी चिकित्सालय में एक एक्सिडेंटल केस में ब्लड की आवश्यकता थी और एटीबीएफ के भीलवाड़ा से सक्रिय कॉर्डिनेटर रोहित सामर किसी काम से चित्तौड़गढ़ आये थे, जैसे ही उन्होंने अर्जेंट नीड़ देखी तो काम छोड़ पहले रक्तदान को दौड़ पड़े।
ये भी बने किसी के लिए जीवनदाता
आचार्य श्री तुलसी ब्लड फाउंडेशन के संस्थापक सुनील ढ़ीलिवाल के अनुसार लम्बे समय से ब्लड बैंक में ब्लड की कमी चल रही है ऐसे में एटीबीएफ के रक्तयोद्धा हर केस में दौड़ दौड़ कर लाइव रक्तदान कर रहे है, ऐसे में संस्थान के पास आये अन्य जीवनदान केस में महेंद्र सिसोदिया, कन्हैया सुथार, आकाश डाडवानी, मनीष सोनी, पप्पू सेन, सतीश विधानी, श्याम सुथार ने भी तत्त्परता पूर्वक रक्तदान करते हुए जरूरतमन्दों का जीवन बचाया।