वीरधरा न्यूज़।चित्तोडगढ़@डेस्क।
चित्तौड़गढ़। जिला कलक्टर ताराचन्द ने अवगत कराया कि राजस्थान में रहने वाले जनजाति समुदाय के उन्नयन हेतु सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं चलाई जा ही हैं। इन प्रयासों में भागीदारी बढ़ाने के लिए विश्व आदिवासी दिवस 9 अगस्त, 2021 से जनजाति भागीदारी योजना वर्ष 2021-22 से प्रारम्भ की गई है ।
इस योजना के तहत विभिन्न प्रकार के कार्य जनजाति समुदाय की आवश्यकता के अनुरूप करवाये जा सकेंगे। योजना के तहत आवश्यक सामुदायिक सम्पत्तियों के निर्माण एवं मरम्मत, संवर्द्धन, संरक्षण के साथ रोजगार सृजन, कौशल प्रशिक्षण, डेयरी, पशुपालन इत्यादि के क्षेत्र में भी कार्य करवाये जा सकेंगे। उदाहरण के तौर पर-विद्यालयों, छात्रावासों, चिकित्सा केन्द्रों, आंगनवाड़ी केन्द्रों, मॉं-बाड़ी केन्दों, सड़क, पुलिया, जलसंग्रहण ढांचा/एनिकटों, पेयजल योजनाओं, सामुदायिक शौचालयों, बस स्टेण्ड इत्यादि के निर्माण एवं मरम्मत, बल्क कूलर की स्थापना, हैचरी प्लान्ट, विभिन्न प्रकार की कोचिंग एवं प्रशिक्षण इत्यादि कार्य योजना के तहत करवाये जा सकेंगे। योजना के तहत वे ही कार्य अनुमत होंगे जिनके माध्यम से लाभान्वित होने वाली जनसंख्या का कम से कम 50 प्रतिशत भाग जनजाति समुदाय का हो ।
योजना के तहत निजी भूमि पर निर्माण अनुमत नहीं होंगे एवं साथ ही भूमि/अधिग्रहण के पेटे मुआवजा भुगतान, धार्मिक स्थलों का निर्माण, जातिगत या धार्मिक आधार पर सामुदायिक भवनों का निर्माण अनुमत नहीं होगा । योजना के तहत आवृत्ति व्यय पर कोई राशि स्वीकृत नहीं की जा सकेगी । इस योजना के तहत मुख्यतः नवीन कार्य/गतिविधियां संपादित की जाएगी तथा विशेष परिस्थितियों में अन्य योजना अंतर्गत कराये जा रहे अपूर्ण कार्यों को योजना के तहत वित्त पोषित किया जा सकेगा।
इस योजना के तहत कार्य एवं गतिविधियों हेतु आवश्यक राशि का कम से कम 30 प्रतिशत की राशि जन सहयोग, स्वयंसेवी संस्थाओं, दानदाताओं या अन्य किसी सरकारी योजना/कार्यक्रम/फण्ड के तहत उपलब्ध कराये जाने पर शेष राशि इस योजना के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी।
योजना के अंतर्गत 10 लाख रुपये तक के कार्यों की स्वीकृति जिला कलक्टर, रुपये 10 लाख से अधिक तथा रुपये 25 लाख तक के कार्यों की स्वीकृति आयुक्त, जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के स्तर और रुपये 25 लाख से अधिक राशि की स्वीकृतियां जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के स्तर से जारी की जाएगी।
योजना के तहत कराये जाने वाले कार्यों का क्रियान्वयन राजकीय विभाग या राज्य सरकार के उपक्रम/निगम/बोर्ड इत्यादि से कराया जाएगा तथा योजना के तहत सृजित होने वाली परिसंपत्तियों का स्वामित्व राज्य सरकार का होगा।
योजनांतर्गत होने वाले व्यय की मासिक सूचना सम्बंधित ऐजेन्सी द्वारा जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग को उपलब्ध कराई जाएगी तथा साथ ही उपयोगिता एवं पूर्णता प्रमाण-पत्र भी प्रचलित व्यवस्था के अनुरूप निर्धारित परिपत्र में दिये जाएंगे।
राज्य स्तर पर जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग इस योजना का प्रशासनिक विभाग होगा।
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