वीरधरा न्यूज। धौलपुर@ श्री हरि चंद।
धौलपुर।आज पंजाब में प्रधानमंत्री के कॉन्वॉय के संग जो हुआ है उसकी गंभीरता का अधिकांश लोगों को अनुमान तक नहीं है, एक फ्लाईओवर पर पूरे 20 मिनट तक विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री के पूरे काफिले को फंसे रहने के लिए बाध्य कर दिया जाना बहुत बड़ी घटना है।
मिलिट्री और गोरिल्ला वॉरफेयर की समझ रखने वाले भली प्रकार से जानते हैं कि किस प्रकार हाई वैल्यू टारगेट्स को संकरे रास्ते पर हिट किया जाता है, और फ्लाईओवर पर फंसा एक बड़ा हाई लेवल कॉन्वॉय इस प्रकार की गतिविधियों को अंजाम देने के लिए उपयुक्त स्थान है क्योंकि लंबा कॉन्वॉय रास्ता बंद होने के कारण आगे जा नहीं सकता और तेजी से पीछे भी हट नहीं सकता और उससे भी महत्वपूर्ण बात यह कि घटना उस पंजाब राज्य की है जहां खलिस्तानी आतंकवाद पहले भी हजारों निर्दोषों के प्राण ले चुका है और जहां एक समय पर स्थिति इतनी बुरी थी कि राज्य के सिटिंग चीफ मिनिस्टर तक को खालिस्तानीयों द्वारा एलिमिनेट किया जा चुका है।
अब जरा पूरे घटनाक्रम कि परिस्थितियों पर दृष्टि डालीये-
प्रधानमंत्री को अपने गंतव्य स्थल पर हेलीकॉप्टर से जाना था किंतु अचानक मौसम खराब हुआ और निर्णय लिया गया कि सड़क मार्ग से जाया जाएगा, राज्य की कांग्रेस सरकार को तत्काल सूचित किया गया और यह जानकारी कि किस सड़क मार्ग का प्रयोग होगा यह जानकारी प्रदर्शनकारियों और स्थानीय नागरिकों तक पहुंच ही नहीं सकती थी, और वह इंफॉर्मेशन केवल राज्य सरकार और उसके पुलिस प्रशासन तक ही सीमित थी, किंतु फिर भी चमत्कारिक रूप से ठीक एक फ्लाईओवर के आगे प्रधानमंत्री के कॉन्वोय का रास्ता रोक दिया जाना और प्रधानमंत्री के काफिले को एक फ्लाईओवर के ऊपर परोक्ष रूप से बंधक बनाकर रखना और राज्य की स्थानीय पुलिस द्वारा मार्ग पुनः चालू कराने में 15 से 20 मिनट का समय लग जाना कोई संयोग नहीं हो सकता।
जहां तक मेरी समझ है यह राज्य की पंजाब सरकार, सत्ताधारी दल, पुलिस प्रशासन, खालिस्तानीयों और वैश्विक पावर द्वारा रचा गया बहुत बड़ा षड्यंत्र था जिससे देश का प्रधानमंत्री सकुशल निकल आये, उसके बाद पीएम मोदी ने सीएम को सन्देस भेजा कि शुक्र है मैं जिंदा लौट आया हु।