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मेड़ता रोड-प्यार ऐसा कि मौत भी नहीं कर पाई जुदा, एक साथ पति पत्नी की उठी अर्थीयां, बेटियों ने निभाया बेटे का फर्ज, दी मुखाग्नि।

वीरधरा न्यूज़।मेड़ता रोड@ श्री एजाज़ अहमद उस्मानी।

मेड़ता रोड। निकटवर्ती गांव रूण में रविवार को अमावस्या के दिन और मलमास में पति-पत्नी का एक साथ दुनिया छोड़कर चले जाना चर्चा का विषय बना हुआ है। अग्नि को साक्षी मानकर जीवनभर जीने मरने की शपथ लेने वाले पति-पत्नी एक ही दिन रविवार को दुनिया से अलविदा हो गए। दोनों की अर्थी को इनकी दोनों बेटियों ने कंधा दिया और अंतिम संस्कार में मुखाग्नि दी। गांव रूण के बाबूलाल, रामबक्ष सेन , रामेश्वर गोलिया , दीपचंद सोनी ने बताया गांव रूण के शनिदेव मंदिर में पूजा पाठ करने वाले राणाराम सेन (78)को पहले नागौर और बाद में जोधपुर श्वास की बीमारी होने की वजह से ले जाया गया। 5 घंटे इलाज के बाद उनका निधन रविवार सुबह 4 बजे हो गया जिन्हे 8 बजे गांव रूण में उनके घर पर लाया गया, जहां पर उनकी पत्नी भंवरी देवी (75)ने जैसे ही पति का मुंह देखा और वहीं पर प्राण त्याग दिए। परिजन रतनलाल, खेमचंद सेन ने बताया रविवार को ही इनको गाजे-बाजे के साथ मोक्ष लधाम ले जाया गया, इनके पुत्र नहीं है, इसीलिए दोनों बेटियों ने ही कंधा देकर मुखाग्नि दी। वहीं पंडित रामकिशोर दाधीच ने बताया शनिदेव मंदिर की सेवा करते हुए और अमावस्या के दिन मलमास में जोड़े के साथ चले जाना हर किसी को नसीब नहीं होता है, हिंदू संस्कृति में यह दिन बहुत ही उत्तम होता है, वहीं पति-पत्नी की एक साथ अर्थी उठने से ग्रामीणों में भी शौक नजर आया।
पति-पत्नी की एक साथ हुई मृत्यु क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी रही। नागौर जिले में पति पत्नी का साथ में चले जाने का ऐसा नजारा कई वर्षों के बाद सामने आया है, जिसे देखने के बाद इसे किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं कहा जाएगा। ग्रामीण फखरुद्दीन खोखर, राजेंद्र सरवा और बाबा नूर मोहम्मद ने बताया एक बुजुर्ग दंपत्ति की ऐसी अमर प्रेम कहानी का उदाहरण, जिसे लोग वर्षों तक याद रखेंगे। लोगों को याद रहेगा कि जिस आंगन में पति पत्नी एक साथ कदम रखते जीवन सफर की नई डगर पर चले थे, वहां जीवन की समाप्ति पर भी एक साथ अर्थी पर निकले। दोनों की चिता को एक साथ मुखाग्नि भी दी गई। यह नजारा सभी की आंखों को नम कर गया और सभी ने कहा- प्यार हो तो ऐसा और जन्म जन्म का साथ है तुम्हारा हमारा वाला फिल्मी गीत चरितार्थ हो गया,पति-पत्नी का रिश्ता सबसे अनमोल होता है। दोनों अग्नि के सामने शादी के 7 फेरे लेकर साथ जीने-मरने की कसमें खाते हैं। आपने साथ जीते तो बहुत से दंपत्ति को देखा होगा। लेकिन मरे भी साथ-साथ ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है।

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