वीरधरा न्यूज़।लखनऊ@ डेस्क।
लखनऊ। सहकार भारती के तीन दिवसीय 7वें राष्ट्रीय अधिवेशन के दूसरे दिन राजकीय पॉलिटेक्निक परिसर में शनिवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरकार्यवाह भैयाजी जोशी का अधिवेशन में शामिल प्रतिनिधियों को मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। इस अवसर पर आगामी कार्ययोजना पर आधारित सत्र के बाद श्रद्धेय लक्ष्मणराव इनामदार स्मृति पुरस्कार वितरण किया गया। इस दौरान भैयाजी जोशी ने सहकारिता पर आधारित कई पुस्तकों का विमोचन किया।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरकार्यवाह सुरेश जोशी उपाख्य भैयाजी जोशी ने कहा कि सहकारिता में अगर संस्कार नहीं रहा तो वह स्वाहाकार बन जाएगी। इसलिए संस्कार आधारित सहकारिता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि समाज का उत्थान सहकारिता के बिना संभव नहीं है। इस मूलमंत्र से अपने को जोड़कर काम करना है। उन्होंने कहा कि बिना संस्कार सहकार का उत्थान नहीं यह सहकार भारती का मूल मंत्र है। समाज के सहकारी लोगों को सहकारिता के क्षेत्र में आगे आने की जरूरत है। जो कार्य आज सहकार भारती कर रही है, वह काफी महत्वपूर्ण पूर्ण है। हमें सभी चुनौतियों को स्वीकार करते हुए सहकारिता को संस्कार आधारित करना ही होगा। हमें सहकारी शब्द को पुनः स्थापित करना है इस संकल्प को लेकर चलना होगा। सहकार का कार्य समर्पण भाव से करना है। निरंतर करना है, इस भाव से चलते रहना है। कार्य की पहचान बनानी है। सहकारिता का कार्य अकेले नहीं हो सकता, इस कार्य को मिलजुल कर परस्पर सहयोग से करना है। सहकार भारती की यह विशेषता है कि हम कार्य को अकेले नही समूह में करते हैं और समूह तभी स्वस्थ होता है जब उसमें परस्पर विश्वास होता है।
कायकर्ताओं का मार्गदर्शन करते हुए भय्याजी जोशी ने कहा कि हमें दूसरों के विचारों का भी सम्मान करना चाहिए। सब एक-दूसरे के मन को समझने वाले बनें। यह संकल्प लें कि एक-दूसरे के हाथ में हाथ डालकर चलेंगे। हम परिवार के रूप में कार्य करते हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि सहकार भारती के नेतृत्व में सहकारिता के क्षेत्र में संस्थाएं खड़ी होंगी। बैंक, क्वापरेटिव और हर प्रकार की समितियों को तैयार करना होगा। सहकार भारती के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. उदय जोशी ने ‘आगामी कार्य की दिशा’ विषय पर बोलते हुए कहा कि सहकारिता में परिवारवाद की भावना नहीं होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि सहकार भारती सहकारिता के क्षेत्र में काम करने वाला स्वयंसेवी संगठन है। जिन्न उद्देश्यों के साथ विगत 40 वर्षों से हम लोग काम कर रहे हैं उस विचारधारा से जुड़कर और उसको ध्यान में रखकर सहकार भारती का कार्य करना है।
डॉ. उदय जोशी ने कार्यकर्ताओं को आगाह किया कि सहकार भारती का कार्य करते समय हमें तीन बातें ध्यान में रखनी चाहिए। पहली, बिना संस्कार नहीं सहकार, दूसरी, दलगत राजनीति से परे होना चाहिए सहकारिता आंदोलन और तीसरी, सहकारी समितियों में हमारी भूमिका ट्रस्टी के रूप में होनी चाहिए मालिक की नहीं हैं। उन्होंने कहा कि देश में स्थाई आर्थिक विकास सहकारिता के माध्यम से हो सकता है। ऐसे में अगर संस्कारित कार्यकर्ता सहकार आन्दोलन से जुड़ेंगे तो सहकारिता ठीक से चलेगी।
दूसरे बिन्दु की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि सहकारिता आंदोलन राजनीति से परे होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस संगठन में मालिकाना हक जताने की बात होने लगती है वह संगठन लम्बे समय तक नहीं चल सकता। उदय जोशी ने कहा कि पहले देश में सहकारिता की नई नीति बननी चाहिए और सहकारिता के पुराने कानूनों में संशोधन होना चाहिए। जोशी ने बताया कि सहकारिता के माध्यम से स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करेंगे। उन्होंने कहा कि व्यक्ति में नहीं संगठन में ताकत होती है। संगठन में अनुशासन भी आवश्यक है। अनुशासन नहीं रहेगा तो संगठनात्मक ढांचा ठीक से नहीं चल पायेगा। जिस क्षेत्र में हम लोग काम कर रहे हैं उस क्षेत्र का अध्ययन हमारे सभी कार्यकर्ताओं को करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सहकारिता के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी आवश्यक है।
राष्ट्रीय अधिवेशन के दूसरे दिन श्रद्धेय लक्ष्मणराव इनामदार स्मृति सम्मान से कैम्को के प्रेसीडेंट किशोर कुमार कोडगी को सम्मानित किया गया। सफल सहकार के रूप में अमूल के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. राजेन्द्र सिंह सोढ़ी, यूएलएलसीएस लिमिटेड के चीफ कवार्डीनेटर किशोर कुमार, बैमको के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर एसबी जयराज, इफको के संयुक्त महाप्रबन्धक अभिमन्य राय, मणिपुर से कांगलेइ फ़ूड डायरेक्टर रानी बाला दुई, प्राइमरी एग्रीकल्चर सोसाइटी के सीईओ बी. गणेश, सहकार भारती उत्तर प्रदेश के एफपीओ प्रकोष्ठ प्रमुख राजेश शर्मा को सम्मानित किया गया।
*दीनानाथ ठाकुर अध्यक्ष एवं डॉ. उदय जोशी को बने महामंत्री*
सहकार भारती के निर्वाचन सत्र में राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश वैद्य ने आगामी राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए सहकारिता जगत के जाने माने व्यक्तित्व दीनानाथ ठाकुर का नाम प्रस्तावित किया। बिहार प्रदेश अध्यक्ष दीपक चौरसिया और उत्तर प्रदेश के महामंत्री डॉ. प्रवीण सिंह जादौन ने उनके नाम का अनुमोदन किया। साथ ही राष्ट्रीय महामंत्री के लिए केरल के प्रदेश महामंत्री जयराम ने डॉ. उदय जोशी का नाम प्रस्तावित किया। सर्वसम्मति से समस्त प्रतिनिधियों की उपस्थिति में राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में दीनानाथ ठाकुर और महामंत्री के रूप में डॉ. उदय जोशी को निर्वाचित किया गया।