वीरधरा न्यूज़। राशमी @श्री शंभू लाल आचार्य।
राशमी। समकित के संग समकित की यात्रा,स्ट्रेसफुल लाइफ का सोल्यूशन की प्रवचन श्रंखला में रविवार को राशमी में आयोजित धर्म सभा में सामायिक का महत्व बताते हुए डॉ.समकित मुनि कहा कि सामायिक से आत्मशांति प्राप्त होती है। सारी दुनिया शांति की खोज में लगी हुई हैं,परंतु सुख से सुख कभी नही मिल सकता,लेकिन शांति से शांति अवश्य प्राप्त होती है। भौतिक सुख सुविधाओं के पीछे कितने ही भागो वह सब नकली सुख है,कितने ही पापड़ बेलो लेकिन उनसे असली सुख कभी नही मिलेगा। मुनि श्री ने रामायाण से केकयी का उदाहरण देते हुए कहा कि कैकयी ने सोचा की मेरा बेटा भरत राजा बन गया तो मुझे बहुत सुख मिल जाएगा। इसके लिए खूब प्रयत्न किए और सफलता भी मिली लेकिंन क्या सुख मिल पाया,नही मिला। मुनि श्री ने कहा कि जिस तरह हम पोरसी करते हैं,उसी तरह हमे एक संकल्प यह भी लेना चाहिए कि कुछ भी हो जाये सुबह 6.30 बजे से 9.30 यानी 3 घण्टे तक हररोज हम घर मे किसी प्रकार की लड़ाई ओर कलह का कारण नही बनेगे, क्यो की 18 पाप स्थान में से जो 12 वां पाप स्थान “कलह” बहुत खतरनाक पाप हैं। यह जिसके घर मे घुस गया उस घर की शांति को ग्रहण लगना निश्चित है, कलह हमें शांति से रहने,ठीक से खाने पीने और सोने भी नही देता है। इसलिए प्रयास करो कि मैरे घर मे 12 वें पाप स्थान कलह की एंट्री ही नही हो पाए,ओर हो गई है तो इसको तुरन्त घर से बाहर निकालो। उपस्थित श्राविकाओं से पूछा कि बहु शादी पति के लिए करती है या सासु के लिए जब उतर होगा पति के लिए तो सासु तो आपको फ्री में मिलती है और जो फ्री में मिल जाये उसकी हम कदर नही करते है,बहु को सास फ्री में मिल सकती हैं। लेकिन सासु को बहु फ़्री में नही मिली हैं। उसके लिए उसने तरह तरह के जतन,त्याग तपस्या की है,यदि आपको समझदार,संस्कारी ओर सफल पति मिला हैं तो उसमें सासु का बहुत बड़ा योगदान रहा है। यदि इससे बहु का यह जीवन सफल बना हैं तो ऐसा करने वाली सासु को गाली नहीं गले लगाना चाहिए। इसलिए सास बहू दोनों इस रूप में सोचे तो घरों के अधिकांश झगड़े समाप्त हो जायेगें। मुनि श्री ने कहा कि पुराने जमाने में झूठे बर्तनों को कभी रातबासी नही रखते थे वैसे ही हमे भी बातबासी नही रखनी चाहिए, क्यो की जिस बात को रात मिल जाती है तो वह बहुत लंबी चलती है। जैन शास्त्रों के अनुसार सोने से पहले सबसे खमत खामणा कर के सोना चाहिए इसलिए सोने से पहले पाप को भी सुला दो तो पुण्य का मीटर चालू रहेगा,ओर नही सुलाया तो पाप का मीटर चालू रहेगा, यदि हम सोने से पहले इच्छामि ठामी,इच्छाकारेणम, नमोथुणम, लोगस्य आदि का पाठ पढ़कर सोते है तो पाप भी सो जाता हैं। और पुण्य में बढ़ोतरी होती रहती है,इस प्रकार हमारा पुण्य सुरक्षित है तो हम भी सुरक्षित है,इसलिए पुण्य को बढ़ाओ,पुण्य जितना मज़बूत होगा हमे सकूँन देगा और पुण्य खोखला होगा तो उतना ही परेशान करेगा। इसलिए पुण्य मज़बूती से करो ,जैसे पुण्य मज़बूत से करोगे तो आपको पुत्र प्राप्त होगा वह भी आज्ञाकारी ओर सेवाभावी होगा लेकिन पुण्य खोखला होगा तो पुण्य से पुत्र तो मिलेगा लेकिन तंग, परेशान करने वाला होगा,इसलिए पुण्य करनें में हमारी भावना भी शुद्ध होनी चाहिए। जैन कांफ्रेंस के प्रांतीय प्रचार प्रसार मंत्री गोवर्धन सिंह गिलुण्डिया ने बताया कि धर्म सभा के अंत मे स्थानीय जैन श्रावक संघ ने मुनि श्री के समक्ष जोर शोर से आगामी चातुर्मास राशमी में घोषित कराने की विनती की तथा अपने संकल्प अनुसार राशमी श्री संघ द्वारा आज स्थानक में कुल 171 समायिक की गई। धर्म सभा मे जैन कांफ्रेंस के राजस्थान प्रान्त के कार्यकारिणी सदस्य दौलत पोखरना,प्रांतीय प्रचार प्रसार मंत्री अधिवक्ता गोवर्धन सिंह गिलुण्डिया, स्थानीय जेन समाज के अध्यक्ष निर्मल कुमार पोखरना,मंत्री सोहन लाल पोखरना,अर्जुन लाल रांका,महेंद्र रांका,प्रकाश पोखरना, पदम कुमार पोखरना,लादू लाल रांका,रिखब लाल बोर्दिया, भगवती लाल कोठारी,सुरेंद्र पोखरना, सुरेश पोखरना,प्रवीण उर्फ राजू पोखरना,दिनेश चण्डलिया सहित कई श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित थे।
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