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नगर परिषद कर्मचारियों द्वारा श्वानों के साथ की जारी बर्बरता को रोकने के संबंध में जिला कलेक्टर को दिया ज्ञापन।

पत्रकार श्री दुर्गेश कुमार लक्षकार की रिपोर्ट
चित्तौड़गढ़
फिलिंग्स फॉर एनिमल्स संस्था ने श्वानों को पकड़ने का किया कड़ा विरोध, पशु प्रेमियों में रोष व्याप्त।

चित्तौड़गढ़। जहां एक ओर चित्तौड़गढ़ नगर विश्व में अपनी आन बान और शान के लिए जाना जाता है वह इसी पावन धरा पर कुछ दिनो से परिषद के कर्मचारियों द्वारा नगर में निवासरत श्वानों को अत्यंत ही बर्बरता पूर्वक लोहे की केचियों से पकडा जा रहा हैं जिससे कई श्वान गंभीर रूप से चोटिल हुए तथा कई श्वानों की मृत्यु तक हो गई है। नगर परिषद के कर्मचारियों द्वारा किए गए उक्त विभत्स कृत्य के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते रहे जिससे नगर के लोगों में व पशु प्रेमियों में रोष व्याप्त है। सोशल मीडिया पर प्रसारित उक्त वीडियो के वाइरल होने से चित्तौड़गढ़ ही नहीं अपितु समस्त विश्व में नगर की प्रतिष्ठा धूमिल हुई है। फीलिंग्स फ़ॉर एनिमल संस्था के सदस्य एडवोकेट फईम खान बख्शी ने बताया कि माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्णय दिनांक 17.11. 2016, एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया बनाम पीपुल फॉर एलिमिनेशन ऑफ स्ट्रे ट्रबल्स वगैरह में प्रदत्त दिशा निर्देशों के अनुसार किसी भी स्वान को उसके निवास स्थान से केवल वैक्सीनेशन एवं बाध्यकरण के लिए ले जाया जा सकता है। इसे प्रक्रिया समाप्त होने पर पुनः उसी स्थान पर छोड़ा जाएगा पर किसी भी स्थिति में स्थाई रूप से विस्थापित नहीं किया जा सकता है। धारा 11 पशु क्रूरता निवारण अधिनियम धारा 428 व 429 भारतीय दंड संहिता के तहत इस प्रकार का कृत्य अपराध की परिभाषा में आता है। जिससे अपराधी को 3 साल तक की सजा व जुर्माने से दंडित किया जाने का प्रावधान है तथा इस प्रकार का निर्देश देने वाले अधिकारी भी अपराध के बराबर के अपराधी माने जाएंगे। श्वानों के प्रति इस प्रकार की बर्बरता माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेशों की अवमानना है। एबीसी एनिमल बर्थ कंट्रोल ( डॉग ) रूल्स 2001 व पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वो की जनसंख्या को कंट्रोल करने के लिए सुरक्षित तरीके से चिकित्सकीय बंध्यकरण व सुव्यवस्थित वैक्सीनेशन का प्रबंध करें जिससे कि उनमें रेबीज नामक बीमारी का खतरा कम किया जा सके। यदि किसी आवश्यक कारण से स्वान को पकड़ना जरूरी हो तो नेट का प्रयोग किया जा सकता है। इससे की श्वान चोटिला ना हो सके। ज्ञापन देने हेतु एडवोकेट फहीम खान बख्शी दिव्यांशी सिंह राठौड़ विजय भाटी हनी प्रजापत इंजी. अनिल सुखवाल अमित चेचानी श्रीमती रूही खान व कई पशुप्रेमी उपस्थित थे।

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