वीरधरा न्यूज़। आकोला@श्री शेख सिराजुद्दीन।
आकोला। कार्तिक मास में श्रावण महीने जैसी बरसने वाली बारिश की झड़ी लगाकर इंद्र देव ने ये साबित कर दिया कि इंसान भले ही वैज्ञानिक युग में किंतनी ही तरक्की कर चुका हो मगर प्रकृति को चेलेंज नहीं कर सकता हैं। या यूं कहें तो भी कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी कि होय वही जो राम रचिराखा नतीजन कार्तिक महीने में ही इंद्रदेव ने आमजन को सावन की बरसात का अहसास करा दिया हैं। बस इसी बरसात के चलते दूसरे दिन भी आमजन को सूर्यदेव के दर्शन नहीं हो पाए हैं – जबकि गुरुवार 5 बजे अल सुबह से ही रात भर रिमझिम बूंदाबांदी हो रही हैं। जिसके चलते जमीन में पानी का जलस्तर बढ़ेगा तो ये भी निश्चित हैं कि इससे फसलों को बहुत फायदा भी होगा। लेकिन आमजन को कार्तिक महीने में श्रावण महीने जैसा महसूस कराकर प्रकृति ने बरसात के बाद कोहरे से आसमान को ढकते हुए जम्मू कश्मीर जैसा अहसास भी करा दिया हैं। आकोला सहित क्षेत्र में गुरुवार अल सुबह से हो रही बूंदाबांदी से रात के साथ साथ दिन में भी गलन व ठंड का अहसास भी हुआ, नतीजन घना कोहरा छाया रहा जिससे आमजन को जम्मू काश्मीर जैसा अहसास हुआ तो दूसरे दिन भी सूर्यदेव के दर्शन नही हुए। ऐसे में दूसरे दिन भी ग्रामीण दिन मैं भी अलाव तापकर सर्दी से बचाव करते देखे गए। गुरुवार सुबह करीब पांच बजे अचानक शुरू हुई मावठे की बारिश का क्रम 36 घंटे से लगातार समाचार जारी किए जाने तक जारी था । करीब 36 घंटों की रिमझिम के बीच मौसम में ठंडक भी घुल गई और लोग दो दिन से गर्म कपड़े पहनते नजर आ रहे है। मौसम विभाग की माने तो क्षेत्र में अभी एक दिन और इसी तरह का मौसम बना रहेगा तथा कहीं कहीं तेज बारिश भी हो सकती है। हालांकि गुरुवार को सुबह करीब 5 बजे से क्षेत्र में कुछ समय के लिए जोरदार बारिश भी हुई थी । गुरुवार सुबह से जारी हुआ बरसात का क्रम अब तक जारी है। ऐसे में मावठे के मिले जुले परिणाम सामने आने की बात कही जा रही है। कुछ लोग बता रहे है कि ये बारिश खेती किसानों के लिए कहीं फायदा तो कहीं नुक़सान पहुंचा सकती है। जबकि कुछ लोग मानते है कि इससे मौसमी बिमारियां भी पनपेगी। 36 घंटे मे कभी तेज तो कभी मुसलाधार बरसात ने जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। तथा पानी सडकों पर बहने लगा। बरसात से मौसम मे कुछ ठंडक गुलने से ऊनी कपडे पर विवश हो गये। आकोला सहित रायपुरिया, कानड़खेडा, मूरला, चोकड़ी, चोरवडी, निलोद, जोयडा, गुंदली, ताणा आदि ग्रामीण क्षेत्रों मे भी अच्छी बरसात होने से छोटे मोटे खड्डों व खेतो में पानी भर गया। वहीं आकोला बाजारों व मुख्य बस स्टैंड पर भी सन्नाटा छाया रहा।