जयपुर में ऑडी हादसे में जेडीए के इंजीनियरों ने कहा एलिवेटेड रोड की डिजाइन में कोई खामी नही, तेज गति के कारण हुआ हादसा
पत्रकार श्री जसवंत चौहान की रिपोर्ट
जयपुर
जयपुर में शुक्रवार को ऑडी कार से एलिवेटेड रोड पर हुए हादसे के बाद रोड इंजीनियरिंग पर उठे सवाल को जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) ने सिरे से खारिज कर दिया। जेडीए के इंजीनियरों का कहना है कि एलिवेटेड रोड का निर्माण तकनीकी रूप से पूरी तरह ठीक है। इसमें डिजाइन की कोई खामी नहीं है। हादसों का प्रमुख कारण वाहनों की ओवर स्पीड है।
इंजीनियरों का कहना है कि एलिवेटेड रोड पर बने शार्प कर्व को देखते हुए यहां वाहनों की अधिकतम स्पीड 50 किलोमीटर प्रतिघंटा निर्धारित कर रखी है। इसके लिए बकायदा जगह-जगह साइनेज बोर्ड भी लगा रखे हैं। शार्प कर्व (ज्यादा घुमाव वाले एरिया) पर जगह-जगह रम्बल स्ट्रीप (वाहन चालक को अलर्ट करने के लिए) बना रखे हैं। उसके बाद भी अगर वाहन चालक ज्यादा स्पीड से वाहन चलाएगा तो दुर्घटना का खतरा रहेगा ही।
टर्निंग रेडियस पर जगह कम इसलिए हादसे: रिटायर्ड इंजीनियर
इधर, जेडीए से रिटायर्ड हुए अतिरिक्त मुख्य अभियंता अरविंद आर्य ने बताया कि एलिवेडेट रोड पर बने मोड़ पर कुछ तकनीकी खामियां हैं। जो दुर्घटना का एक कारण हो सकती है। यहां टर्निंग रेडियस पर जितना स्पेस होना चाहिए उतना शायद उतना नहीं है। ऐसी स्थिति में वाहन चालक जब तेज आता है तो वह कई बार असंतुलित हो जाता है। हालांकि उन्होंने एलिवेटेड रोड पर ओवर स्पीड से वाहन चलाने को भी दुर्घटना का एक अहम कारण बताया है।
प्रदर्शन कर मुआवजा देने की मांग
उधर, शनिवार को ऑडी कार हादसे में मारे गए युवक के परिजनों को न्याय दिलाने की मांग भी उठने लगी। इसको लेकर शनिवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एसएमएस अस्पताल मोर्चरी के सामने विरोध प्रदर्शन किया, जहां उन्हें पुलिस ने शांतिभंग में गिरफ्तार कर लिया। एबीवीपी प्रदेश मंत्री होशियार मीणा के नेतृत्व में प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने मृतक के परिजन में से किसी एक को सरकारी नौकरी देने, एक करोड़ रुपए मुआवजा, एक्सीडेंट करने वालों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हो और उनकी तुरंत गिरफ्तारी की मांग की है।
इधर, प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक चौधरी के नेतृत्व में पुलिस महानिदेशक के नाम एडिशनल एसपी मनोज चौधरी को ज्ञापन सौंपा। एनएसयूआई प्रवक्ता रमेश भाटी ने बताया कि- एनएसयूआई ने मांग की है कि दोषियों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाही करें तथा पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। एनएसयूआई संगठन की ओर से भी 51000 की आर्थिक सहायता पीड़ित परिवार को देने की भी बात कही गई है।