वीरधरा न्यूज़।चित्तोडगढ़@ श्री चंद्रेश जैन।
चित्तौड़गढ़। रविवार को भारतीय किसान संघ अफीम संघर्ष समिति चित्तौड़ प्रांत का प्रतिनिधिमंडल लगातार दूसरे दिन भी दिल्ली में अफीम नीति में संशोधन कराने और नारकोटिक्स विभाग में अफीम किसानों को लेकर हो रही धांधली की स्थिति से अवगत कराकर किसानों को न्याय दिलाने के लिए दिल्ली में प्रमुख जनप्रतिनिधियों से मिला। इसी दौरान रविवार को सुबह लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के निवास पर पहुंच कर अफीम किसानों के दर्द को बयां करते हुए अफीम नीति में हर हाल में संशोधन की मांग रखी और लोकसभा अध्यक्ष बिरला से चित्तौड़ प्रांत के प्रतिनिधिमंडल ने विस्तार से चर्चा की, चर्चा के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने हाथों हाथ वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी से फोन पर वार्ता की और कहां की हमें लगता है किसानों की पीड़ा वाजिब है इस पर पूरा ध्यान देकर नीति में जो भी संशोधन आवश्यक है वह करने का प्रयास करें, जो संशोधन अभी संभव नहीं होता है उसे अगले वर्ष की नीति हेतु अभी ही घोषित कर दिया जाए, यही नहीं यह भी कहा कि मै भी अफीम उत्पादक संसदीय क्षेत्र से ही आता हूं मुझे भी अफीम नीति संशोधन के विचार में शामिल करें इतना ही नहीं भारतीय किसान संघ के इस प्रतिनिधिमंडल के साथ लोक लोकसभा अध्यक्ष बिड़ला ने राजस्थान के अन्य किसानों के हाल चाल भी पूछे।
बिडला के सामने प्रतिनिधिमंडल ने ये रखी मांगे :- अफीम के उत्पाद कोडिन फास्फेट जो बड़ी मात्रा में विदेशों से आयात किया जा रहा है उस पर रोक लगाकर 1990 से प्राकृतिक आपदाओं या अन्य लुवाई चिराई प्रारंभ होने के बाद बिजली की समस्या, फसल रोग ग्रस्त हो जाने, पशु पक्षियों द्वारा चौपट कर देने,पाला गिर जाने आदि सभी समस्याओं के चलते रुके हुए तमाम पट्टे शून्य औसत / शून्य मार्फिन से बहाल कराए इसमें किसान दोषी हे ही नहीं, किसानों को रोजगार बढ़ाने हेतु नए किसानों को भी बड़ी मात्रा में नए पट्टे जारी हो, सीपीएस पद्धति में 3.7 से 4. 2 के बीच जो पट्टे जारी किए हैं उन्हें भी लुवाई चिराई का अधिकार दिया जाए क्योंकि सीपीएस पद्धति से किसानों के रोजगार समाप्त हो जाएगा, इसे किसी भी सूरत में लागू नहीं किया जाए, मार्फिन का नियम किसानों के लिए न्याय संगत नहीं है इसे हर हाल में बंद कर, औसत के आधार पर ही पट्टे जारी करने की नीति घोषित करें, 8 बटा 29 धारा न्याय संगत नहीं है इसके दुरुपयोग से लाखों निर्दोष किसानों ने सजा काटी हैं उसके बाद वे बाइज्जत बरी हुए हैं इस धारा को भी देश के कानून से हटाया जाए वही डोडा चुरा को एनडीपीएस एक्ट से हटाकर प्रदेश के आबकारी विभाग में डाला जाए क्योंकि इसमें 0.2% ही नशा होता है जो एनडीपीएस एक्ट में आ ही नहीं सकता फिर भी 1985 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के समय इस धारा को लागू किया गया था जो आज तक चल रही है,भ्रष्टाचार को बंद करने के लिए समान आरी के पट्टे ही जारी हो, सभी किसानों को पूर्व की भांति दो प्लॉट में अफीम बुवाई का अधिकार दिया जाए आदि सभी मांगो को लेकर प्रतिनिधिमंडल ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को चर्चाकर ज्ञापन सौंपा।
किसानों के इस प्रतिनिधिमंडल मेंभारतीय किसान संघ चित्तौड़ प्रांत महामंत्री अंबालाल शर्मा उदयपुर, प्रांत उपाध्यक्ष एवं चित्तौड़गढ़ जिला प्रभारी रघुनाथ सिंह झालावाड़, प्रांत उपाध्यक्ष बद्रीलाल जाट भीलवाड़ा, किसान संघ अफीम संघर्ष समिति के प्रांत अध्यक्ष बद्रीलाल तेली भीलवाड़ा, समिति उपाध्यक्ष रतन सिंह गंठेडी चित्तौड़गढ़, किसान संघ चित्तौड़गढ़ जिला अध्यक्ष मोतीलाल तिवारी, प्रतापगढ़ जिला अध्यक्ष पन्ना लाल डांगी, पूर्व प्रांत युवा प्रमुख किसान सोहन लाल आंजना, किसान गीता लाल धाकड़, जीवन चौधरी चित्तौड़गढ़, लादू लाल जाट भीलवाड़ा शामिल थे।