चित्तोडगढ़-दूसरों के प्रति आभार की अभिव्यक्ति करने से जीवन में आनंद और उत्साह रहता है: डॉ समकित मुनि।
वीरधरा न्यूज़।चित्तोडगढ़@डेस्क।
चित्तौड़गढ़। समकित के संग समकित की यात्रा स्ट्रेसफुल लाइफ का सॉल्यूशन प्रवचन श्रृंखला के क्रम में बुधवार को खातर महल में डॉ समकित मुनि ने 27 दिवसीय उत्तराध्ययन सूत्र के 21 वें अध्ययन में कहा कि मिलने का मजा तब ही होता है जब मिलन मिलाप में बदलता है विलाप में नहीं। दूसरों के प्रति आभार की अभिव्यक्ति करने से जीवन में आनंद और उत्साह रहता है। व्यक्ति को उपकार को स्वीकार करना चाहिए। श्रेष्ठ की श्रेष्ठता को स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने तालाब के मेंढक और तालाब में खिले कमल और भंवरे का प्रसंग बताते हुए कहा कि कीचड़ के मेंढक को तालाब में खिले कमल का महत्व नहीं पता होता है ,वह कीचड़ में लिपटे हुए ही खुश रहता है जबकि तालाब से काफी दूर वन में रह रहे भंवरे को कमल की सुगंध तालाब की ओर खींच लाती है। डॉक्टर समकित मुनि ने कहा कि जिंदगी में भंवरे बनो, जहां भी ज्ञान की सुगंध आए वहां खींचे चले जाओ। यदि कुएं के मेंढक की तरह रहोगे तो कभी भी कुँए से बाहर नहीं निकल पाओगे। उन्होंने कहा कि स्वयं का अवलोकन करें कि मेंढक बनना है या भंवरा। उन्होंने कहा कि जहां जिनवाणी प्रवाहित होती हो वहां लाभ लेकर भंवरा बनने की कोशिश करो ना कि घर की समस्याओं के कीचड़ में मेंढक के समतुल्य बन कर। उन्होंने 32 वीं गाथा में कहा कि गौतम स्वामी कहते हैं श्वेत वस्त्र एक वेशभूषा है जो लोगों के विश्वास, संयम यात्रा के निर्वाह और पहचान के लिए चिन्ह है। श्वेत वस्त्र देखते ही सामने वाला पहचान जाता है कि यह साधु या संत हैं। कपड़े पहचान हैं धर्म नहीं।धर्म आत्मा का गुण है जो बाहरी चीजों में कभी नहीं होता है ।हम वर्तमान में बाहरी चीजों में ही उलझे रहने लग गए हैं ।यदि कपड़े सफेद हो और मन काला हो तो भी जीवन निरर्थक है। उन्होंने कहा कि संप्रदायवाद का चश्मा आदमी को अंधा और बहरा बना देता है। यह स्थितियां बहुत भयानक हो जाती है। धर्म चाहे कोई भी हो वो कभी झगड़े नहीं करवाता है। धर्म, शास्त्र ,आगम के नाम पर जो झगड़े चालू होते हैं वह कभी जीवन में नहीं निपटते हैं। शस्त्रों के झगड़े 2 या 3 साल में निपट जाते हैं पर शास्त्रों के झगड़े निपटाने में कई कई साल लग जाते हैं और कभी-कभी तो निपटाने वाले ही निपट जाते हैं। उन्होंने कहा कि कपड़ों, उपकरणों में मोक्ष नहीं है। सम्यक ज्ञान दर्शन चरित्र का अध्ययन जो करता है उसका जीवन मंगलमय होता है।
प्रचार मंत्री सुधीर जैन ने बताया कि प्रवचन में भवान्त मुनि म सा ,साध्वी विशुद्धि म सा,साध्वी विशाखा म सा विराजित रहे। कार्यक्रम का संचालन श्रीसंघ मंत्री अजीत नाहर ने किया।