चित्तोडगढ़-सुख -दुख का कारण कोई दूसरा नहीँ, हम स्वयं होते हैं:डॉ समकित मुनि चित्तौड़गढ़ में ऐतिहासिक 50 उपवास की तपस्या।
वीरधरा न्यूज़।चित्तोडगढ़@डेस्क।
चित्तौड़गढ़।समकित के संग समकित की यात्रा स्ट्रेसफुल लाइफ का सॉल्यूशन प्रवचन श्रृंखला के क्रम में रविवार को खातर महल में डॉ समकित मुनि ने अपने प्रवचन में कहा कि सुख-दुःख का कारण हम स्वयं ही है।
आत्मा ही जीव के कर्मों को प्रकट कर देने का कारण बनती है। हम सदैव दूसरों को जिम्मेदार मान लेते हैं। पर वास्तविकता में हमारी आत्मा ही बिग बॉस है, कामधेनु है,नंदन वन है।आत्मा ही आपकी वैतरणी नदी है, सर्वश्रेष्ठ मित्र व शत्रु भी है। खाली मुट्ठी,खोटा सिक्का और कांच का टुकड़ा कोई कीमत नहीं रखते। धार्मिक क्रिया में यदि भाव जुड़े न हो तो वो कोरी क्रिया बन कर रह जाती है जो व्यर्थ हो जाती है।
धर्म के साथ भावना न जुड़ कर कपट जुड़ जाये तो वह कालकूट विष की तरह हानिकारक हो जाता है। स्वयं में बदलाव करने की प्रेरणा कभी भी, कहीं भी,किसी से भी ली जा सकती है।
नासमझ को देखकर समझदार बन जाये। किसी को गिरते देखकर स्वयं संभल जायें।
लोग समझदार को देखकर सीख न लेने का अज्ञान करते रहते है।
गलत मार्ग छोड़ सन्मार्ग पर चलना चालू करें, असंयम का त्याग कर संयम की ओर उन्मुख हो। एक शुभ विचार जीवन बदल सकता है। स्वयं की बुराईयों और कमियों से घृणा करें और अपने जीवन में शुभ बदलाव की शुरूआत करें। शुभ भाव पुण्य के कारण और अशुभ भाव पाप के कारण प्रकटता है। अतः शुभ भाव से कार्य करते चलेंगे तो अशुभ होने की संभावना ही खत्म हो जायेगी। रिश्तों में शर्म खत्म
हो जाये तो रिश्ते व्यर्थ हो जाते है।
स्वयं भी अपना लक्ष्य प्राप्त करें अन्यों को भी लक्ष्य पाने को प्रेरित करते रहें।
प्रचार मंत्री सुधीर जैन ने बताया कि डॉ समकित मुनि ने कठोर तपस्या करने वाले वरिष्ठ श्रावक सुरेश बोहरा जिन्होंने चित्तौड़गढ़ के इतिहास में सर्वाधिक उपवास 50 उपवास किये हैं उनको 50 उपवास पूर्ण करने पर महामांगलिक प्रदान किया और उनकी धर्म प्रभावना की श्रीसंघ अध्यक्ष हस्तीमल चोरड़िया,मंत्री अजीत नाहर, पूर्व अध्यक्ष सुरेश मेहता,प्रचार मंत्री सुधीर जैन,कमल बोहरा,अशोक मेहता,महावीर कांठेड़ आदि ने उनके निवास पर पहुंच कर बारम्बार अनुमोदना की ।
प्रवचन में भवान्त मुनि म सा ,साध्वी विशुद्धि म सा,साध्वी विशाखा म सा विराजित रहे। कार्यक्रम का संचालन श्रीसंघ मंत्री अजीत नाहर ने किया।