51उपवास की तपस्या पर तपस्वी बोहरा का शहर में वरघोड़ा आज। असमर्थ को समर्थ का सहारा मिल जाये तो जीवन नैया पार:डॉ समकित मुनि
वीरधरा न्यूज़।चित्तोडगढ़@डेस्क।
चित्तौड़गढ़।समकित के संग समकित की यात्रा स्ट्रेसफुल लाइफ का सॉल्यूशन प्रवचन श्रृंखला के क्रम में शनिवार को खातर महल में डॉ समकित मुनि ने अपने प्रवचन में कहा कि
संसार सागर में ही ज्ञान का, संयम का प्रकाश छिपा हुआ है दृष्टि बदलते ही ज्ञान का- गुणों का-संयम का खजाना मिल जाता है। अनेक जन्मों से ठोकरें खा खाकर हम लौट आये है,नारकीय वेदना विस्मृत हो गयी। भूल जाने की यह भूल हमें भटका देती है। संकल्प करें कि नरक की बारम्बार यात्रा छोड़कर मार्ग बदलना है
जन्म-बुढ़ापा-रोग और संसार दुःख रूप है, संसार में हमें सुख का आभास मात्र होता है। मोह में आसक्त जीव के लिये संयम का मार्ग अत्यंत कठिन होता है।
नारकीय यातना से बचने का एकमात्र मार्ग है संयम की ओर प्रवृत्त हो जाना।
आपस में लड़ने की,संघर्ष की प्रवृति नारकीय जीवन की ही पुनरावृति है।
डॉ समकित मुनि ने कहा कि आगमकारों ने कहा कि अनाथ वो होता है जिसके आस पास सब कुछ होकर भी उसके कुछ काम न आ सके । हम अनाथ तब हो जाते हैं जब परिवार-सम्पत्ति-भवन-चिकित्सा- साधन कुछ भी काम नहीं आता।जैसे कोरोना काल में कई परिवारों के साथ हुआ।
एक धर्म की शरण ही आपको अनाथपन से बचा सकती है । धर्म दुःखसागर को भी आनंद सागर में बदल देता है। असमर्थ को यदि समर्थ का साथ मिल जाये तो उसकी जीवन नैय्या पार हो जाती है और जो सपने में भी नहीँ सोचा हो वो भी मिल जाता है।
प्रचार मंत्री सुधीर जैन ने बताया कि वरिष्ठ तपस्वी रत्न सुरेश चंद्र बोहरा के 51 वें उपवास की तपस्या पर श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संस्थान चित्तौड़गढ़ द्वारा तपस्वी रत्न का वर घोड़ा रविवार 24 अक्टूबर को प्रातः 8:00 बजे से केशव माधव सभागार से निकाला जाएगा जो खातर महल पहुंचेगा। खातर महल में परम पूज्य डॉक्टर समकित मुनि जी म सा के प्रवचन 9:00 बजे से 10:00 बजे तक होंगे। श्रीसंघ अध्यक्ष हस्तीमल चोरड़िया के नेतृत्व में प्रवचन के बाद तपस्वी रत्न सुरेश कुमार बोहरा का श्री संघ द्वारा बहुमान एवं अभिनंदन का कार्यक्रम होगा।
प्रवचन में भवान्त मुनि म सा ,साध्वी विशुद्धि म सा,साध्वी विशाखा म सा विराजित रहे। कार्यक्रम का संचालन श्रीसंघ मंत्री अजीत नाहर ने किया।