चित्तोडगढ़-मेक इन इंडिया मेड बाय किसान का नारा बुलंद करते हुए, “18 अक्टूबर 2021 को चित्तौड़गढ़ चलो” का आव्हान किया।
वीरधरा न्यूज़।चित्तोडगढ़@श्री अनिल सुखवाल।
1997-98 से 2021 तक अफीम खेती से जुड़े राजस्थान मध्य प्रदेश के किसानो की ओर से अति आवश्यक मीटिंग 18 अक्टूबर 2021 को चित्तौड़गढ़ कलेक्ट्री पर रखी गई है।
अफीम किसान संघर्ष समिति के संयोजक मांगीलाल मेघवाल बिलोट ने कहा कि “अफीम घटिया नहीं अधिकारी घटिया है।”*
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा थोपी गई अफीम नीति 2021- 22 देश व किसान हितेषी नहीं है इसलिए अफीम नीति 2021- 22 को निम्नांकित बिंदुओं के मद्देनजर अति शीघ्र संशोधित कर देश व किसानों को आर्थिक आजादी दिलाने के लिए सभी किसानो से “अपने -अपने साधनों से 18 अक्टूबर 2021 चित्तौड़गढ़ चलो” का आव्हान किया।
मांगीलाल मेघवाल बिलोट ने कहा कि –
1. 1997-98 से 2021 तक काटे गए सभी अफीम पट्टे जैसे घटिया बढ़िया वाटर मिक्स औसत कमी सस्पेक्टेड सहित विभिन्न कारणों से काटे सभी अफीम पट्टे बहाल हो।
2. अफीम का मूल्य ₹25000 प्रति किलोग्राम या अंतरराष्ट्रीय मानकों पर तय कर किसान को दिया जाए और थोपा मार्फिन नियम समाप्त कर औसत आधार पर अफीम पट्टे दिए जाए।
3. 2015 से 2021 तक नारकोटिक्स विभाग की सीबीआई जांच की जाए और एसीबी के द्वारा पकड़े गए सभी भ्रष्ट अधिकारियों का नारको टेस्ट करते हुए उनके द्वारा किसानों से लूटा हुआ पैसा वापस लौटाया जाए।
4. अफीम नीति 2021-22 किसानों की सहभागिता से बनाई जाए और सभी किसानों को 10-10 आरी के समान अफीम लाइसेंस दिए जाए।
5. अफीम नीति निर्धारण से पहले 2008 से 2021 तक लगातार संघर्ष कर रहे हैं संघर्षी किसानों से प्रधानमंत्री महोदय से 5 मिनट ही सही किसानों को नारकोटिक्स विभाग की जमीनी हकीकत पर चर्चा का समय दिया जाए।