वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@डेस्क।
चित्तौड़गढ़।राजस्थान एवं मध्यप्रदेश के अफीम खेती से जुड़े किसानों के प्रतिनिधियों ने आज जिला कलक्टर को केन्द्र के नाम ज्ञापन सौंपा जिसमें अफीम खेती की नीति 2021-22 को अधिक पारदर्शी बनाने के साथ ही अफीम निति को अफीम किसानों के हित में बनाने के लिए कहा गया।
अफीम किसान संघर्ष समिति के संरक्षक मांगीलाल मेघवाल “बिलोट” ने बताया की वर्ष 1997-98 से आज दिनांक तक काटे गए सभी अफीम के पट्टे चाहे वह घटिया, गाढ़ता, वाटर मिक्स सस्पेक्टेड अथवा किसी भी कारण से काटे गए हो को वापस बहाल कराने की मांग की गई है।
उन्होंने बताया कि अफीम की सरकारी खरीद पर प्रति किलो ₹25000 दिए जाने की मांग केन्द्र के सामने रखी है।
और मांग रखी कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा आज तक जिन भी अफीम विभाग के अधिकारियों को पकड़ा गया है उन सभी का नारको टेस्ट करा कर उनके द्वारा किसानों से लुटा गया पैसा किसानों को वापिस लौटाया जाए।
उन्होंने कहा कि किसानों को 10-10 आरी के सभी समान पट्टे बहाल किए जाए एवं नई अफीम नीति बनाते समय प्रधानमंत्री अफीम किसानों के प्रतिनिधि से मिलें जिसका समय उन्हें बताया जाए।
उन्होंने कहा कि यदि 15 सितंबर तक अफीम नीति नहीं बनाई गई और वर्ष 1997 से आज तक के सभी काटे गए पट्टे पुनः बहाल नहीं किए गए तो सभी अफीम किसान दिल्ली की ओर कूच करेंगे।
ज्ञापन के समय अफीम किसान संघर्ष समिति के संरक्षक मांगीलाल बिलोट, राष्ट्रीय अध्यक्ष नरसिंह दास वैष्णव, मंदसौर जिलाध्यक्ष नरसिंह डांगी, महासचिव भोपाल सिंह चौहान, मध्यप्रदेश नीमच जिलाध्यक्ष परशुराम मीणा, भंवर लाल जबड़ा, कपासन तहसील अध्यक्ष सुवालाल बारेगामा, महासचिव चंद्रप्रकाश बारेगामा, चित्तौड़गढ़ जिले के नव मनोनीत जिला अध्यक्ष नंदराम सुथार, नीमच के जिला उपाध्यक्ष जसराज मेघवाल, कालूराम गायरी, कालूराम बावरी बड़ीसादड़ी, बेगू तहसील के अध्यक्ष रोशनलाल शर्मा नाल, बेगूं के महासचिव बालूराम धाकड़, रामलाल चिकसी, देवी लाल सेन अरनीयां पंथ, कालूराम गायरी, जगदीश शर्मा, कालू लाल भील, लालू राम भील, चुन्नीलाल, शोभा लाल मीणा फलासिया सहित राजस्थान मध्य प्रदेश के कई किसान उपस्थित थे।