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चित्तौड़गढ़-चित्तौड़ी खेड़ा के डॉ तंवर को भारत रत्न “डॉ राधाकृष्णन गोल्ड मेडल” अवार्ड से सम्मानित किया, आप के जिलाध्यक्ष अभियन्ता सुखवाल ने किया स्वागत।

वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@डेस्क।
चित्तौड़गढ़। चित्तौड़गढ़ शहर के पास स्थित चित्तौडी खेड़ा गांव के रहने वाले अभियंता डॉक्टर भगवत सिंह तंवर, पूर्व चीफ इंजीनियर हरियाणा सिंचाई अनुसंधान एवं प्रबंधन संस्थान को भारत सरकार से अधिकृत ग्लोबल इकोनामिक प्रोग्रेस एवं रिसर्च एसोसिएशन नई दिल्ली भारत ने हाल ही में चेन्नई में आयोजित होने वाली नेशनल यूनिटी कॉन्फ्रेंस 2021 कार्यक्रम में भारत रत्न “डॉक्टर राधाकृष्णन गोल्ड मेडल” अवार्ड से सम्मानित किया। डॉ तंवर के चित्तौड़गढ़ पंहुचने पर आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष अभियंता अनिल सुखवाल ने जिले में सभी अभियंता समुदाय का नाम रौशन करने पर स्वागत कर धन्यवाद ज्ञापित किया।
डॉ तंवर को उनके जीवन काल में विज्ञान इंजीनियरिंग और समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट भागीदारी के लिए गोल्ड मेडल एवं अवार्ड प्रदान कर सम्मानित किया गया है।
डॉ तंवर ने बताया कि डॉ राधाकृष्णन को सन 1956 में भारत रत्न युक्त सर्वोच्च नागरिक सम्मान से अलंकृत किया गया था। उनकी इच्छा अनुसार देश में अच्छी शिक्षा के प्रचार- प्रसार के लिए उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में सन् 1962 से आज तक भी हमारे देश में निरंतर मनाया जाता रहा है ताकि देश के बालक-बालिकाएं, युवक- युवतियां देश के अच्छे और योग्य नागरिक बन सकें।
डॉ तंवर 15 अगस्त 1941 को चित्तौड़गढ़ दुर्ग पर जन्में वे बचपन से ही गरीब राजपूत परिवार के होते हुए भी बचपन से मेधावी छात्र रहे। उनके पिता का नाम ठाकुर उदय सिंह व माता का नाम जनक कंवर था। उन्होंने अपने शिक्षाकाल के आखिरी में राजस्थान विश्वविद्यालय से एमएससी टेक्नोलॉजी की परीक्षा प्रथम श्रेणी से हासिल करने के उपरांत 34 वर्षों तक सेवाएं देकर भारत सरकार में तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग, केंद्रीय भूजल बोर्ड में 12 प्रांतों में 2000 फीट की गहराई तक भूजल की खोज करने के उपरांत, हरियाणा सरकार के चार विभागों जैसे उद्योग विभाग, लघु सिंचाई एवं नलकूप निगम, सिंचाई विभाग व सिंचाई अनुसंधान व प्रबंधन संस्थान को अपनी सेवाएं देते हुए चीफ इंजीनियर के पद से सेवानिवृत्त हुए।
डॉक्टर तंवर ने सार्वजनिक सेवाओं के दौरान विश्व स्तर पर संयुक्त राष्ट्र संघ और अमेरिकन सहायता संस्थानों के साथ जुड़कर सेवानिवृत्ति के बाद भी आधिकारिक तौर पर कुल 15 देशों का भ्रमण किया और विज्ञान व इंजीनियरिंग पर 120 से अधिक लेख लिखकर कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सेमिनार में अपनी प्रस्तुतियां प्रदान की।
सामाजिक सेवा क्षेत्र में जल, पर्यावरण बचाओ आंदोलन व सामाजिक कुरीतियों के सुधार हेतु सेवानिवृत्ति के 22 सालों बाद अब तक में 50 से अधिक प्रकार के सांस्कृतिक सामाजिक व आर्थिक मुद्दों पर हजारों पर्चे छपवा कर जिले में जागरूकता पैदा की। साथ ही उन्होंने जिला प्रशासन के साथ सहयोग कर अरावली जल पर्यावरण संस्थान के माध्यम से सन् 2007 से लगातार पंचायती राज संस्थाओं के कार्यकर्ताओं एवं जन प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण प्रदान किया।
डॉक्टर तंवर को पूरे 55 साल के कार्यकाल में जिले स्तर से लेकर राज्य, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर तक कई प्रशंसा पत्र व पुरस्कार मिल चुके हैं।
वर्तमान में यह “डॉक्टर राधाकृष्णन गोल्ड मेडल” अवार्ड इसी क्रम में सर्वश्रेष्ठ उपलब्धि और चित्तौड़गढ़ जिले के लिए गौरव का विषय है।
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