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चित्तौड़गढ़-गंगरार में महिला और पुजारी के पर हमला धर्म और समाज दोनों के लिए कलंक, चित्तौड़गढ़ आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष ने बयान जारी कर निंदा की।

वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@डेस्क।
चित्तौड़गढ़ के गंगरार कस्बे में कल महादेव मंदिर में पुजारी के महिला के साथ रंगरेलियां मनाने का आरोप लगा कर कुछ लोगों द्वारा क्षेत्रवासियों की आड़ में मौके पर पहुंचकर पुजारी की जूतों से धुनाई करना और महिला की लज्जा भंग करना कानूनी अपराध की श्रेणी में आता है, मौक़े पर हुए वायरल विडियों के आधार पर प्रथम दृष्टया महिला संदिग्ध हालात में नहीं दिख रही है अपितु महिला ने ढंग से साड़ी ओढ़ रखी थी जो कि सिर तक ढका हुआ था जिसके साथ कुछ लोगों ने धक्का मुक्की कर सिर से पल्लु जबरन निचे गिराया जिससे मन्दिर में महिला का लज्जा भंग का मामला बनता है।
साथ ही पुजारी कक्ष से उसका सामान भी बाहर फेंक कर पुजारी की जूतों से पिटाई करना भी कानूनी अपराध की श्रेणी में तो आता ही है साथ ही मन्दिर के पुजारी की पिटाई मन्दिर में ही करना हमारे समुचे समाज और धर्म के नाम पर कलंक है।
ऐसा भी जानकारी में आया है कि पिछले कुछ सालों से मन्दिर ट्रस्ट और पुजारी के मध्य विवाद चल रहा था, जो केस ट्रस्ट हार गया जिसके चलते ट्रस्ट एवं उनके मिलीभगत वाले लोगों द्वारा षडयंत्र पूर्वक पुजारी को मंदिर से बाहर करने के लिए बिछाया गया अपमानजनक जाल भी हो सकता है यह एक गंभीर और पुलिस जांच का विषय है जो कि वांछित है किंतु अगर प्रकरण में किसी प्रकार का षडयंत्र नहीं भी रहा हो फिर भी किसी भी स्थिति में किसी समूह द्वारा महिला का अपमानजनक वीडियो बनाकर उनका लज्जा भंग कर उसे वायरल करना भारतीय दंड संहिता की धारा 354 के तहत दंडनीय अपराध है साथ ही लोगों द्वारा पुजारी की मंदिर में जूतों से पिटाई करना भी कानूनन अपराध की श्रेणी में आता है, महिला और पुजारी पर किसी प्रकार का मामला बनता भी था तो महिला को महिला पुलिस और पुजारी को मेल पुलिस ही कार्यवाही करने का अधिकार रखती है जबकि यहां पर आक्रोशित भीड़ को कानून हाथ में लेकर महिला की लज्जा भंग और पुजारी की जूतों से पिटाई कानूनी अपराध के साथ साथ सभ्य समाज में भी ग़लत संदेश पंहुचा रहा है जिसपर अंकुश लगा कर दोषियों के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की जाना नितांत आवश्यक है और आम आदमी पार्टी, चित्तौड़गढ़ इस घटना की निंदा कर कार्यवाही की मांग करती है ताकि हमारे देश में किसी प्रकार के मामले में निर्दोष मातृशक्ति को असामाजिक तत्वों द्वारा इस प्रकार से लज्जित एवं अपमानित ना होना पड़े।
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