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बिनोता कि घटना अमानवीय, मामले की पूरी जांच हो और कुत्ते को कवारेंट करे- आप जिलाध्यक्ष अनिल सुखवाल चित्तौड़गढ़।

वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@ डेस्क।

चित्तौड़गढ़।बिनोता में कोरोना पॉजिटिव रोगी के मरने के उपरांत कोरोना प्रोटोकॉल की पालना किए बिना किया गया अंतिम संस्कार आवारा कुत्ता अधजले शव को लेकर भाग गया और उसे नोच नोच कर खाने लगा उक्त घटना का जब स्थानीय वासियों द्वारा वीडियो बनाकर वायरल किया गया तब कहीं जाकर प्रशासन के होश उड़ गये और प्रशासन सख्ते में आया इसकी खबर बिनोता पुलिस चौकी प्रभारी देवेंद्र सिंह पवार एवं सरपंच ईश्वर लाल मीणा को लगी तो आनन-फानन में उन्होंने मृतक के परिजनों को बुलाकर उस अधजली लाश का दोबारा अंतिम संस्कार करवाया अब पूरे प्रकरण पर सवाल यह खड़ा होता है कि जब कोरोना रोगी मृतक का अंतिम संस्कार किया जा रहा था तब स्थानीय प्रशासन मौके पर मौजूद क्यों नहीं रहा जबकि बिनोता में कोरोना ग्रसित रोगियों की संख्या इतनी भी नहीं है कि प्रशासन उन पर ध्यान नहीं दे सके, पूरी घटना में स्पष्ट है कि यहां पर कोरोना प्रोटोकॉल की पूर्णतया अवमानना किए जाने से ही कोरोना से मृतक की अंतिम क्रिया को पूरी लकड़िया तक प्रदान नहीं की गई और ना ही अंतिम संस्कार होने तक परिजन मौके पर रुक सके जिससे पास ही ताक लगाकर बैठे हुए आवारा कुत्तों ने उस अधजली लाश को नोच कर शरीर के टुकड़े काट कर अलग कर लिए और दूर ले जाकर उन्हें खाने लगे जिससे उन कुत्तों में भी कोरोना संक्रमण के वायरस चिपकने के खतरे से इनकार नहीं किया जा सकता अब देखना यह है कि क्या प्रशासन इस गंभीर मामले को संज्ञान में लेता है या इसे यो ही हल्के में लेकर नजरअंदाज कर देता है।
यदि कोरोनावायरस का संक्रमण उन आवारा कुत्तों के द्वारा फैलकर गांव के अन्य नागरिकों तक पंहुच जाता है तो यह एक गंभीर मामला होगा जिसका जिम्मेदार कौन होगा, देखना यह भी है कि क्या जिला प्रशासन उक्त घटना के जिम्मेदार लोगों को चिन्हित कर उन पर उचित और कठोर कार्रवाई कर पाएगा या नहीं।
जहां एक और सरकार एवं प्रशासन द्वारा लॉकडाउन लगाकर जनता को घरों में कैद किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर यदि यह वायरस आवारा पशुओं में फैल जाता है तो स्थिति गंभीर होकर के सरकार एवं प्रशासन के हाथ से भी निकल जाएगी प्रशासन को संज्ञान लेते हुए घटना पर दोषी जिम्मेदारों पर ठोस कार्रवाई करते हुए उन कुत्तों को भी कोरोना गाइडलाइन के अनुसार 14 दिन के लिए क्वारेन्टाइन किया जाना चाहिए एवं उनका भी कोरोना की आरटीपीसीआर टेस्ट किया जाना चाहिए नहीं तो गम्भीर स्थिति हो सकने से इन्कार नहीं किया जा सकता।
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