वीरधरा न्यूज।लालसोट @श्री महेश कुमार गुप्ता।
लालसोट।जिन सूर्य संत शिरोमणि धरती के देवता परम पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महामुनिराज की समतापूर्वक समाधि हो जाने पर संपूर्ण जैन समाज लालसोट में गहरा शोक व्याप्त हो गया इस अवसर पर जैन समाज लालसोट द्वारा एक विनियांजलि सभा का आयोजन जैन नसियाॅ मंदिर में किया गया जिसमें समाज के अजीत बडजात्या, आशु जैन, राकेश जैन, महेंद्र जैन, त्रिशला जैन ,संतोष सोनी, गीता गंगवाल ने आचार्य श्री के बारे में अपने विचार व्यक्त किये आचार्य विद्यासागर जी जैन धर्म के महान संत थे उन्होंने जैन धर्म को बहुत ऊंचाइयों पर पहुंचाया। विश्व में जैन धर्म की पहचान बनाई आचार्य श्री ने राष्ट्र को सदैव महत्व दिया उन्होंने हथकरघा उद्योग, गौशाला को बढ़ावा देने का काम किया साथ ही इंडिया नहीं भारत बोलो मुहिम भी पूरे देश भर में चलाई आचार्य श्री ने अपने पूरे जीवन में लगभग 500 से अधिक दीक्षा प्रदान की। आचार्य श्री का वर्षों से घी, दूध, तेल, मीठा, नमकीन, हरी सब्जी आदि का त्याग था वह अंतिम समय तक भगवान की आराधना में लीन रहे और 18 फरवरी 2024 को रात्रि 2:35 पर डोंगरगढ़ छत्तीसगढ़ में समाधि मरण प्राप्त किया इस अवसर पर जैन समाज लालसोट द्वारा णमोकार मंत्र, समाधि मरण का जाप भी रखा गया अंत में सभी समाज बंधुओ ने पुष्पांजलि अर्पित कर विनियांजलि समर्पित की।
इस अवसर पर प्रकाश पाटनी, माणकचंद जैन, महावीर प्रसाद सोनी, रेवडमल बडजात्या, अशोक श्रीमाल, सुनील पाटनी, राकेश बड़जात्या, अंकुर बैनाडा, जैन युवा संघ अध्यक्ष अभिनव बैनाडा, अनिल वेद, वीरेंद्र जैन, समुद्र बडजात्या, अरिहंत पाटनी, सुशील बडजात्या, शिखर बडजात्या, उषा बैनाडा, मंजू छाबड़ा, विनीता कासलीवाल, प्रिया गंगवाल, सीमा जैन सहित समाज के महिला पुरुष उपस्थित रहे कार्यक्रम का संचालन पुनीत जैन ने किया।