वीरधरा न्यूज।चित्तोड़गढ़@डेस्क।
चित्तौड़गढ़। मेवाड़ यूनिवर्सिटी गंगरार में गुरुवार को इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संकाय के इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग विभाग द्वारा इंटरनेट ऑफ थिंग्स और इसके भविष्य का उपयोग करते हुए कौशल विकास पर एक इंडक्शन प्रोग्राम आयोजित किया गया। जिसमें इंजीनियरिंग और व्यावसायिक अध्ययन के डीन ए़. आर यादव ने विभिन्न क्षेत्रों में आईओटी के बढते स्कोप पर गहनता से प्रकाश ड़ाला। कार्यक्रम में प्रतिभागियों ने आईओटी के वर्तमान रुझानों और वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोगों पर भी चर्चा की। कार्यक्रम में स्टूडेंट्स को आईओटी के माध्यम से स्वास्थ्य देखभाल, कृषि, स्मार्ट शहरों और औद्योगिक स्वचालन में इसके अनुप्रयोग पर मूल्यवान ज्ञान प्राप्त हुआ।
इस मौके पर डीन ए़. आर यादव ने स्टूडेंट्स को आईओटी डिवाइस, सेंसर, एक्चुएटर की व्यावहारिक जानकारी दी और इसके जरिए स्टूडेंटस को भी आईओटी के उपकरणों, सेंसर और उसके विभिन्न पार्ट के साथ प्रयोग करने का मौका मिला। उन्होंने भविष्य को देखते हुए इस क्षेत्र में कॅरियर बनाने की अपार संभावनाओं पर भी प्रकाश डाला। इससे स्टूडेंट्स का व्यवाहारिक ज्ञानवर्द्धन हुआ। इसके अलावा आईओटी के क्षेत्र में आगामी अनुसंधान और कौशल विकास के पाठ्यक्रमों की भी घोषणा की गई। यादव ने बताया कि भविष्य में औधोगिक क्षे़त्रों में टेक्निकल प्रोफेशनल की मांग को देखते हुए तैयार किए गए पाठ्यक्रमों में उपकरण संपर्क, डेटा विश्लेषण, सुरक्षा और अनुप्रयोग विकास सहित आईओटी विषयों के एक स्पेक्ट्रम को शामिल किया जाएगा।
इसका उद्देश्य स्टूडेंट्स को आईओटी के हर पहलू से विशेषज्ञता प्रदान करना है ताकि जब वे यूनिवर्सिटी से उत्तीर्ण होकर जाएं तो उनको इंडस्ट्री में अच्छा जॉब पैकेज मिल सकें। उन्होंने कहा कि जैस-जैसे दुनिया आईओटी के युग में तेजी से बढ़ रही है वैसे ही मेवाड़ यूनिवर्सिटी भी तेजी से विकसित होने वाले परिदृश्य में स्टूडेंट्स को उत्कृष्ठता प्रदान करने में अपनी भूमिका निभा रही है। इस मौके पर स्टूडेंट्स ने भी आईओटी से संबंधित अनेक सवाल पूछकर जिज्ञासा शांत की।
इंडक्शन कार्यक्रम का संचालन इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष व सहायक प्रोफेसर रितेश कुमार ओझा ने इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संकाय के डीन प्रो. (डॉ.) आर. राजा, और डिप्टी डीन कपिल नाहर के मार्गदर्शन में किया। इस मौके पर डीन अकादमिक डी.के शर्मा, डॉ. जितेंद्र वासवानी, गुलजार अली, कोमल यादव समेत अन्य विभागीय सदस्य भी मौजूद रहे। स्टूडेंट्स गोरीपर्थी सेशु, नागार्जुन, जिब्रिला मूसा, हस्के एनोच, इशियाकू हारुना साजोह, राफेल आयुबा, केशव चंदन, वाइक्वाल, संडे और आयुष कुमार आदि की भी सराहनीय भूमिका रही।