चित्तौडग़ढ़/भूपालसागर-डॉ भटनागर मुर्ति का हुआ अनावरण दोनो ही पार्टीयों के जनप्रतिनिधीयों ने लगाई अपनी हाजिरी।
वीरधरा न्यूज़। जाशमा@ श्री अशोक शर्मा।
भूपालसागर। सादगी, धेर्य, तपस्या, मिलनसार तथा इश्वर प्रेम के धनी स्वर्गीय डा. गवरी लाल भटनागर कि मुर्ति का अनावरण सोमवार को मेवाड़ के प्रसिद्ध महन्त चेतनदास महाराज के करकमलों से सम्पन्न हुआ। इस दौरान अनुजदास महाराज, विधायक अर्जुन लाल जीनगर, पुर्व विधायक शंकर लाल बैरवा, कांग्रेस नेता भावेश भट्ट, प्रधान हेमेन्द्र सिंह राणावत, स्थानीय सरपंच प्यारचन्द भील, भाजपा के दावेदार बाबु लाल खटीक, पूर्व प्रधान भगवती लाल हिंगड़, सुभाष सिंह राणावत एडवोकेट रूप सिंह राणावत एडवोकेट बंसी लाल लढ़ा कपासन, पंचायत समिति सदस्य सुरेश चंद्र गाडरी, सत्यनारायण अहीर, मुकेश गाडरी, पूर्व सरपंच पुरुषोत्तम, विनोद अग्रवाल, बलवंत सिंह ओस्तवाल, भाजपा नेता लीलाधर जोशी, वासुदेव तिवाड़ी, सीबीईईओ सुरेश चंद्र योगी, परिवारजन आदि उपस्थित रहे।
स्वर्गीय डा. जी एल भटनागर का चिकित्सीय परिचय।
भूपालसागर सहित आस पास के क्षेत्र एवं दुर दराज से आने वाले रोगियों पर डा. भटनागर कि सिधी नजर रहती थी। जैसे ही कोई मरीज ज्यादा परेशान नजर आता तो भटनागर सारा काम छोड़ पहले उसको देखने लग जाते और उसे प्यार से पीठ पर हाथ घुमाते हुए कहते अब आपको कुछ नहीं होगा आप अभी ठीक हो जाओग। ऐसे में मरीज का आत्मविश्वास बढ जाता और वो अपने आप को ठीक महसुस करने लगता। साथ कि कई ऐसे रोगियों का ईलाज भी किया जिनको उदयपुर, अहमदाबाद से घर पर आराम कि सलाह दे दी गई थी, भटनागर अपना दिनचर्या का काम निपटाकर सांयकाल उनके घर चले जाते और उनकी देखरेख करते जिससे भी कई मरीज रोग मुक्त हुए है और उनको जीवन पुनः मिला है। भटनागर भूपालसागर सहित आस पास के गावों में होनेवाले धर्मीक कार्यक्रमों में भी भाग लेते थे, गौसेवा के लिए उनके ऑफिस में एक दानपात्र भी लगा रखा था। जब जब कोई गरीब व्यक्ति के पास बराबर पैसे नहीं होते तो भटनागर उससे 10 रूपये लेकर उसका ईलाज पुरा कर देते तथा वो दस रूपये उस गौसेवा दानपात्र में डाल देते थे। डा.भटनागर पर मानो ईश्वर का सदैव साथ रहा जिससे कि उपचार के दौरान कई मरीज अन्तिम सांस लेते भी बच गये।
गौरतलब है कि पुर्व में एक निजी चेनल में भूपालसागर का भगवान डा. जीएल भटनागर के नाम से भी खबर चली थी जो कि काफी वायरल हुई तथा उस खबर के पश्चात कई जनप्रतिनिधीयों ने हर कार्यक्रम में डा. भटनागर स्वागत सत्कार भी किया था वहीं उपखण्ड स्तर पर भी उनका सम्मान हुआ था।
राजकिय सेवा में भटनागर का एक बार अन्यत्र स्थानान्तरण हो गया तो ग्रामीणों ने प्रयास करके उनका स्थानान्तरण निरस्त करवाया था। सेवा निवृति पर भी भटनागर का ग्रामीणों ने बहुत ही सम्मानपुर्वक सेवा निवृति समारोह आयोजित किया जिसमें एक सुजूकी मोटर साईकिल व एक सोने कि चेन भेंट स्वरूप दी गई ऐसे थे डा. भटनागर। विधायक अर्जुन लाल जीनगर ने मुर्ति स्थल पर हाई मास्क लाईट लगवाने कि स्वीकृति जल्द देने कि घोषणा कि।
बाबु लाल खटीक ने डा. की मुर्ति पर माल्यार्पण कर देवनारायण दरबार में मत्था टेका।
भादसौड़ा से आये दावेदार बाबु लाल खटीक ने भी डा. जीएल भटनागर के मुर्ति अनावरण कार्यक्रम में भाग लिया वहीं कार्यकर्ताओं एवं ग्रामीणों से रूबरू हुए तथा भाजपा पार्टी को पुनः सत्ता में लाने के लिए कार्यकर्ताओं कि रायसुमारी ली तथा अपने विचार व्यक्त किये। तत्पश्चात खटीक भूपालसागर, मुगाना, रायुपरीया, कल्याणपुरा, ईन्दिरा नगर, रामाखेड़ा, घाट का खेड़ा, बुल बालद के मध्य स्थित भगवान देवनारायण मन्दिर पर मत्था टेका तथा भगवान के यहाँ अपनी अर्जी लगाई तथा दावेदाराी से लेकर प्रत्याशी कि दोड़ में साथ रहने का आर्शाीवाद लिया।
सेंकड़ों लेागों ने मुर्ति अनावरण कार्यक्रम में भाग लिया।
डा. जीएल कि मुर्ति अनावरण के मसाचार प्रकाशन के पश्चात लोगों में कार्यक्रम में भाग लेने कि होड सी मच गई तथा लगातार हो रही बुंदाबादी के बिच लोग बरारीश में भी डटे रहे तथा कार्यक्रम को सुचारू रूप से सम्पुर्ण होने तक डटे रहे।