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बड़ीसादड़ी- सावन महीने के पहले सोमवार दिन मंदिरों में गूंजे ओम नम शिवाय के जय कारे।

 

वीरधरा न्यूज़। बड़ीसादड़ी@श्री रामसिंह मीणा।

बड़ीसादड़ी। नगर के प्रमुख शिवालयों में सावन मास के पहले सोमवार को नगर के शिवालयों स्थलों पर भगवान भोलेनाथ की विशेष पूजा अर्चना के लिए महिलाओं एवं पुरुषों की भीड़ काफी देखने को मिली।
सावन मास के पहले सोमवार के उपलक्ष में नगर के विभिन्न शिवालयों में भगवान शिव की मूर्ति व शिवलिंग को विशेष रुप से सजाते हुए महिलाओं द्वारा पूजा अर्चना की गई।नगर के प्रमुख शिव मंदिर सोमनाथ महादेव मंदिर विद्युत चौराहे पर स्थित प्रभु श्री एकलिंग नाथ मंदिर आजादपुरा मैं स्थित पशुपतिनाथ मंदिर प्रांगण में सवेरे से ही महिलाओं एवं पुरुषों की भीड़ मंदिर प्रांगण में देखने को मिली।
मंदिर के पुजारी धर्मेंद्र आमेटा द्वारा बताया गया कि भगवान शिव की मूर्ति, शिवलिंग को फूलों से सजाया गया एवं महादेव की आरती की गई।इसके पश्चात बारी बारी से महिलाओं एवं पुरुषों द्वारा महादेव की पूजा अर्चना की गई।जिसमें महादेव को जल से,दूध से,दही से,फूलों से सहित विभिन्न व्यंजनों से भोलेनाथ का अभिषेक किया गया एवं पूजा अर्चना की गई।महिलाओं द्वारा महादेव की पूजा अर्चना करते हुए सभी सदस्यों की लंबी उम्र की कामना की गई एवं परिवार में सुख समृद्धि की कामना की गई।
आपको बता दें कि पंडित प्रवीण शर्मा द्वारा बताया गया कि सावन के सोमवार की पूजा का अपना विशेष महत्व होता है। भगवान शिव की पूजा के लिए और खास तौर से वैवाहिक जीवन के लिए सोमवार की पूजा की जाती है ।ज्योतिषविदो के अनुसार अगर कुंडली में विवाह का योग न हो या विवाह होने में अड़चन आ रही हो तो सावन के सोमवार को पूजा करनी चाहिए। अगर कुंडली में आयु या स्वास्थ्य बाधा हो या मानसिक स्थिति की समस्या हो तब भी सावन के सोमवार की पूजा उत्तम होती है। सावन के सोमवार को भगवान शिव जी की पूजा सर्वोत्तम होती है। इसमें मुख्य रूप से शिवलिंग की पूजा होती है और उस पर जल तथा बेलपत्र अर्पित किया जाता है।

सावन के सोमवार की पूजन विधि

संतो के अनुसार प्रातकाल या प्रदोष काल में स्नान करने के बाद शिव मंदिर जाए। घर से नंगे पैर जाएं तथा घर से ही लोटे में जल भरकर ले जाए। मंदिर जाकर शिवलिंग पर जल अर्पित करें। भगवान को साष्टांग करें। वहीं पर खड़े होकर शिव मंत्र का 108 बार जाप करें। दिन में केवल फलाहार करें। सायं काल भगवान के मंत्र का फिर जाप करें तथा उनकी आरती करें। अगले दिन पहले अन्न वस्त्र का दान करें तब जाकर व्रत का पारायण करें।

मान्यता है कि कोई भी व्यक्ति जिसको स्वास्थ्य की समस्याओं हो विवाह कि मुश्किल हो या दरिद्रता छाई हो । अगर सावन के हर सोमवार को विधिपूर्वक भगवान शिव की आराधना करता है तो तमाम समस्याओं से मुक्ति पा जाता है। सोमवार और शिवजी के संबंध के कारण ही मां पार्वती ने सोलह सोमवार का उपवास रखा था।

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