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बिजयपुर निवासी गणेशलाल द्वारा बैंक से ऋण लेकर नहीं चुकाने पर दोष मानते हुए 56 हजार रुपये प्रतिकर राशि एवं छः माह कारावास का आदेश दिया।

 

वीरधरा न्यूज़।चित्तौडग़ढ़@डेस्क।

चित्तौड़गढ़। विशिष्ट न्यायिक मजिस्ट्रेट एनआई एक्ट अनुपमा भटनागर ने चेक अनादरण के अपने एक निर्णय में दोष सिद्ध होने पर 56 हजार रुपये प्रतिकर एवं छः माह कारावास का आदेश दिया।
प्रकरणानुसार सीकेएसबी बैंक शाखा चित्तौड़गढ़ से बिजयपुर निवासी गणेशलाल पिता नंदलाल सोनी ने किराणा व्यवसाय के लिये ऋण लिया जिसकी अदायगी पेटे 43 हजार रुपये का एक चेक दिया लेकिन ऋणी के खाते में पर्याप्त राशि के अभाव में चेक अनादरित हो गया और ऋणी ने बैंक को भुगतान भी नहीं किया। बैंक ने 138 प्राक्रम्य लिखत अधिनियम के अन्तर्गत दण्डित किये जाने हेतु न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया जहाँ परिवादी बैंक के अधिवक्ता दिलीप कुमार जैन, रेखा जैन, चेतन्या जैन के तर्कों से सहमत होते हुए ऋणी गणेशलाल सोनी को दोषी मानते हुए न्यायालय ने 56 हजार रुपये प्रतिकर राशि एवं छः माह का कारावास से दण्डित किया। प्रतिकर राशि अदा नहीं करने पर 15 दिवस अलग से कारावास का आदेश पारित किया।

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