वीरधरा न्यूज़। बड़ीसादड़ी@ श्री रामसिंह मीणा।
बड़ीसादड़ी। चितौड़गढ़ के कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा संस्थागत कृषक प्रशिक्षण आयोजित बुधवार को किया गया यह संस्थागत प्रशिक्षण उड़द उत्पादन तकनीक पर आधारित था जिसमें जिले चित्तौडग़ढ़ पंचायत समिति के गांव नगरी, गुर्जर खेड़ा, भीलीया खेड़ा एवं होकमपुरा आदि गांवों से कुल 30 कृषक एवं कृषक महिलाओं ने भाग लिया।
प्रशिक्षण प्रभारी डॉ रतन लाल सोलंकी कृषि विज्ञान केंद्र चितौड़गढ़ ने किसानों को उड़द की वैज्ञानिक ढंग से खेती करने हेतु उन्नत शस्य कियाये उड़द की उन्नत किस्में प्रताप उड़द 1, केयू 2 एव केयू 4, किस्मों पर प्रकाश डाला।
उड़द में समन्वित पोषक तत्व प्रबंधन का महत्त्व एवं आवश्यक पोषक तत्त्वों की जानकारी पोधो पर पोषक तत्व की कमी के लक्षण एवं कमी को पूरा करनें के उपाय समझाये, उड़द में पीला पन व पिलिया रोग के उपाय के तरीके बताये एवं भूमि सुधार हेतु जिस्म प्रयोग व हरी खाद का महत्त्व मृदा स्वास्थ्य हेतु जैविक खादों का प्रयोग वर्मी कंपोस्ट बनाने की विभिन्न विधियां व जैविक खाद वर्मी वाश तैयार करने की प्रायोगिक तरीक़ा सीखाया एवं कृषक के द्वारा ही उड़द के बीज को उपचारित कराया गया आज के समय में जैविक खेती का महत्त्व हैं तथा जैविक खादों के प्रयोग से प्राप्त उत्पाद से किसान प्रति बीधा अधिक आमदनी प्राप्त कर सकते हैं केंद्र के कार्यक्रम सहायक सजय कुमार धाकड़ ने उड़द की फसल में खरपतवार नियंत्रण हेतु दवाओं के प्रयोग का तरीका समझाया एवं केवीके फार्म पर भ्रमण करवाकर तकनीक जानकारी दी प्रशिक्षण के अंत में संजय कुमार धाकड़ ने सभी प्रशिक्षणार्थियों को कुपोषण उन्मूलन के लिए शपथ दिलाई गई तथा सभी को धन्यवाद दिया।