वीरधरा न्यूज़।आकोला@ श्री शेख सिराजूदिन।
आकोला। क्षेत्र के ग्राम वासियों ने आकोला में नगरपालिका, सरकारी कॉलेज व उपतहसील खोलने की मांग की है।
चित्तौड़गढ़ जिले की सबसे बड़ी पंचायत आकोला आजादी के 70 सालों के बाद भी मुलभुत सुविधाओं से वंचित हैं आकोला ग्राम पंचायत चित्तौड़गढ़ जिले की सबसे बड़ी पंचायत है। भुपालसागर तहसील मुख्यालय से हर प्रकार से जनसंख्या, क्षेत्रफल, आबादी हर प्रकार से लगभग दोगुना बडा है। आबादी लगभग 15000 हजार है। पंचायत की निजी आय लगभग अच्छी खासी है। विश्व प्रसिद्ध हस्तकला उधोग रंगाई – छपाई के लिए प्रसिद्ध है। आकोला पंचायत के आसपास लगभग 80 गांवो से सीधा जुडाव है। आकोला पंचायत से दोनों बडे हाइवे की दुरी 12 व 16 किमी है। एंव जिला मुख्यालय से दुरी 65 किमी है। अतः मुख्यमंत्री से निवेदन है कि इस महत्वपूर्ण मांग को पूरा कर आकोला वासीयो के लिए यादगार तोहफा होगा।
आकोला की इन मांग को लेकर पूर्व में भी गांव की समस्यायों का समाधान नहीं होने पर पूर्व में आकोला कस्बे के मुख्य बस स्टेण्ड पर नगरपालिका, कॉलेज, उपतहसील को लेकर अनिश्चित काल तक भूख हडताल व धरना दिया गया था, वहीं दूसरी ओर ग्राम वासियों (ग्रामीणों) ने बडा उत्साह व उम्मीद को लेकर राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया 15 अप्रेल 2018 से चित्तौड़गढ़ जिले के तीन दिवसीय दौरे पर मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया था लेकिन निराशा हाथ लगी। जिले की सबसे बड़ी पंचायत होते हुए भी यहां जो विकास होना चाहिए उस अनुपात में आजादी के 70 साल बाद भी आकोला ग्राम पंचायत काफी पिछड़ा हुआ है।
विधानसभा क्षेत्र के आकोला कस्बा चित्तौड़गढ़ जिले का सबसे बड़ा कस्बा है और यहां पर विश्व प्रसिद्ध दाबू प्रिंट का कारोबार भी है यहां के प्रिंट कपड़े देश और विदेश में विख्यात है अगर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अभी चित्तौड़गढ़ जिले के दौरे पर कपासन विधानसभा क्षेत्र में आकोला में उप तहसील खोलने की स्वीकृति प्रदान करती हैं तो आने वाले चुनाव में क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी को बहुत बड़ी बढ़त मिल सकती है, इसमें कोई शक नहीं।