चित्तौडग़ढ़-वरिष्ठो ने पिता की भूमिका को बताया अतिमहत्वपूर्ण कहा-पिता वह रनवे है जहां से हमारी उड़ान भरती है।
वीरधरा न्यूज़।चित्तौडग़ढ़@डेस्क।
चित्तौडग़ढ़।वरिष्ठ नागरिक मंच मुख्यालय की बैठक शास्त्रीनगर सामुदायिक भवन में राष्ट्रपति पदक पुरूस्कृत एचएस राठी के मुख्यआथित्य, सत्यनारायण नंदवाना की अध्यक्षता व पूर्व आरएएस देवीलाल आमेरिया व डॉ भागवत सिंह तंवर के विशिष्ठ आथित्य में आयोजित हुई, जिसमें बच्चों के जीवन में पिता की भूमिका व पुत्र/पुत्री मेरा अभिमान विषय पर अथितियों सहित विभिन्न वक्ताओं ने अपने अपने अनुभव व विचार व्यक्त किये तथा माहौल को भावुकता प्रदान कर दी।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राठी ने कहा कि पिता वो रनवे है जहाँ से हमारी जिंदगी उड़ान भरती है तथा हमे मंजिल तक पहुचा कर ही रहती है, वही बच्चों को मोबाइल से दूर रखने व अनावश्यक इधर-उधर घूमने पर नियंत्रण रखकर उनके जींवन को संवारना पिता की ही जिम्मेदारी है ताकि उनके भविष्य का सही निर्माण हो सके।
अपने अध्यक्षीय उदबोधन में नगर के प्रसिद्ध व्यवसायी सत्यनारायण नंदवाना ने मंच को आदर्श मंच बताते हुवे कहा कि समाज को समय समय पर उचित मार्गदर्शन प्रदान कर रहा है तथा इसकी श्रवण कुमार योजना आने वाले समय मे एक सामाजिक क्रांति के रूप में उभरकर आएगी वही हमारे बच्चे आज जितनी भी ऊंचाइयां प्राप्त कर रहे है वो हर पिता के लिए गौरव की बात है।
विशिष्ठ अथिति देवीलाल आमेरिया ने विश्व रक्तदान दिवस पर तथा तंवर ने हल्दीघाटी बलिदान दिवस पर अपने विचार रखे तथा इसे महादान बताया तथा मंच से जुड़े नए सदस्यों का माल्यार्पण कर स्वागत किया।
सभा मे महेंद्र जैन, अमरकंठ उपाध्याय, लक्ष्मी नारायण भारद्वाज, अंजना जैन मदनलाल मेहता, सत्यनारायण सिकलीगर , बंशीदास वैष्णव, मीरा सोनी, रामेश्वरलाल भराडिया, बद्रीलाल स्वर्णकार, मुकेश श्रीवास्तव डॉ भगवत सिंह तंवर ने भी अपने विचार व्यक्त किये तथा पिता के महत्व पर अपनी अपनी राय व्यक्त की।
मंच महासचिव आरएस आमेरिया ने सभी का स्वागत करते हुवे शहर के लिए मंच की भूमिका पिता के रूप में करते हुवे कहा कि इस मंच में इतने विद्वत वरिष्ठजन है जो हर समस्या का समाधान करने की क्षमता रखते है तथा इस मंच के माध्यम से हर घर में श्रवणकुमार होने की अपेक्षा रखते हुवे कार्यरत है व घर घर जाकर सम्मान कर रहे है ।
सभा की शुरुआत सर्वधर्म प्रार्थना के साथ हुई व समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया जिसके पश्चात नंदवाना ने पार्किसंस के इलाज हेतु अंगुलियों के द्वारा योग
कराया व इसके महत्व की चर्चा की, आभार के.एल.नारानीवाल ने दिया।
सभा मे शशिरंजन तिवाड़ी, कन्हैयालाल नारानीवाल, श्याम वैष्णव, चंद्र किशोर व्यास, बाबूलाल जाट ,कैलाश चंद्र टेलर, महेश बसेर, अमर सिंह मेहता, देवी सिंह राव, दयाल चंद कोठारी, उमाशंकर भगवती, अंबालाल श्रीमाल, रामप्रसाद मालू , बंशी दास ,टप्पू भाई भट्ट सहित कई सदस्यगण उपस्थित थे।