स्टॉप पेमेंट के बावजूद चेक अनादरण मामले में 1वर्ष की जेल,1.50 लाख राशि देने के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट चित्तौडग़ढ़ ने दिए आदेश।
वीरधरा न्यूज़।चित्तौडग़ढ़@डेस्क।
चितौड़गढ़। न्यायालय अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट क्रमांक 1 चितौड़गढ़ के पीठासीन अधिकारी इंद्र सिंह मीणा ने अपने एक महत्वपूर्ण निर्णय में उदयपुर अमल का कांटा निवासी रामचंद्र सर्राफ पिता बंशीलाल को चेक अनादरण पर एक वर्ष का कारावास एवं 1लाख 50000 हजार रुपए प्रतिकर राशि अदा करने का आदेश दिया।
प्रकरणानुसार चितौड़गढ़ निवासी नाहर सिंह सोलंकी पिता विजय सिंह निवासी नगरी,हाल मुकाम चित्तौड़गढ़ ने एक परिवाद अंतर्गत धारा 138 पराकरम्य लिखित अधिनियम का अधिवक्ता प्रदीप काबरा,सुमित गर्ग के द्वारा इस आशय का दायर किया की अभियुक्त रामचंद्र ने परिवादी नाहर सिंह सोलंकी से 1लाख रुपए नगद उधार प्राप्त किए जिसकी अदायगी पेटे एक चेक स्वयं के द्वारा भर कर,हस्ताक्षर कर दिनांक 16.3.16 का दिया।
परिवादी द्वारा बैंक में चेक प्रस्तुत करने पर फंड्स इंसफिसियेंट के कारण अनादरित होकर पुनः प्राप्त हुआ जिस पर परिवादी द्वारा अधिवक्ता प्रदीप काबरा, सुमित गर्ग के जरिए नोटिस दिया गया, इसके पश्चात भी भुगतान नही करने पर धारा 138 एन आई एक्ट के तहत न्यायालय में प्रकरण दर्ज करवाया गया।
अभियुक्त पक्ष की ओर से अनेक न्यायिक दृष्टांत प्रस्तुत किए गए और तथ्य रखा गया की अभियुक्त द्वारा पूर्व में ही बैंक में स्टॉप पेमेंट करवा दिया था और इस चेक के बाबत थाना सुरजपोल उदयपुर में प्रकरण भी दर्ज करवाया था।
परिवादी पक्ष ने अपना पक्ष रखा जिस पर अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट क्रमांक 1 इंद्र सिंह मीणा ने प्रकरण पर संपूर्ण विचारण कर रामचंद्र सर्राफ को दोषी मानते हुए 1वर्ष कारावास एवं 1लाख 50000 प्रतिकर राशि अदा करने के आदेश दिए।निर्णय न्यायालय में पढ़ कर सुनाया गया।