वीरधरा न्यूज़।चित्तोड़गढ़@डेस्क।
चित्तौड़गढ़। जहाँ कल-कल करती बहती, गंगा-यमुना की धारा, वो भारत देश हमारा, गीत के साथ स्वतंत्रता दिवस के अमृत महोत्सव के अवसर पर शांति भवन में श्रमण संघीय उपप्रवर्तिनी श्री वीरकान्ता जी की सुशिष्या डाॅ. अर्पिता जी म.सा. ने कहा कि लम्बे संघर्ष के पश्चात् गुलामी की दासता से मुक्ति स्वतंत्रता का अर्थ – स्वच्छन्दता नहीं हो सकता। सबको सब कुछ करने की आजादी नहीं। देश के प्रति हमारे दायित्व भी है। प्राचीन संस्कृति के संरक्षण के साथ नई पीढ़ी को संस्कार प्रदान करने की महत्ती जिम्मेदारी भी हमारे कंधों पर है। यदि धर्म की रक्षा नहीं होगी तो संस्कार भी संरक्षित नहीं है और संस्कार विहिन व्यक्ति निरा पशु तुल्य है। जो देश के प्रति समर्पण रखते हैं, पूजा उन्हें ही जाता है जिन्होंने राष्ट्रहित में बलिदान दिया है। यशो गाथा उन्हीं की गाई जाती है।
आजादी के अमृत महोत्सव पर हमें चिन्तन करने की आवश्यकता है। आजादी का संघर्ष एक दिन का नहीं था। जिस दिन देश विदेशी परकीय गुलाम बना तब से ही आजादी का संघर्ष प्रारंभ हो गया। औरंगजेब के अत्याचार से पीड़ित आम जन को राहत दिलाने का दायित्व गुरु गोविन्द सिंह ने निभाया, अपने चारों पुत्र ओर माता के साथ हजारों सिक्खों के बलिदान को याद कर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। ऐसे समय गुरु के दो पुत्रों के अंतिम संस्कार के लिए स्वर्ण मुद्राओं खड़ी बिछाकर जमीन तैयार करने का कार्य देशभक्त जैन श्रावक टोडरमल ने किया। उनके इस अप्रतिम त्याग की स्मृति स्वरूप आज भी लुधियाना अम्बालाल मार्ग पर फतेहगढ़ साहब गुरूद्वारे की भोजनशाला उनके नाम से संचालित है। उन्होंने न पंथ देखा और न सम्प्रदाय। देश प्रेम से भावना सर्वोच्च रही।
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर नन्ने मुन्ने बच्चों की देशभक्ति गीतों पर आधारित नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन दिवाकर महिला मण्डल सेंती द्वारा किया गया। प्रतियोगिता में 15 प्रतिभागियों ने भाग लिया। जिन्होंने जय हो, जय हो ए मेरे वतन, ये देश है वीर जवानों का, नन्ना मुन्ना राही, वीर हो शुरवीर हो, आंचल तेरा रहे मां रंग बिरंगा, ऊँचा आसमां को मेरा तिरंगा, मेरी धरती मुझ से पूछ रही, जहाँ डाल डाल पर, सौगन्ध मुझे इस माटी की, कभी याद करे जमाना, सारे जहाँ से अच्छा आदि गीतों की पेरोडी पर सुन्दर आकर्षक प्रस्तुतियाँ देकर समां बांध दिया। संचालन अध्यक्ष सरोज नाहर ने करते हुए पानी में आग कोई लगा नहीं सकता, हिन्दुस्तानियों से कोई आंख मिला नहीं सकता प्रस्तुत किया। आभार मंत्री श्वेता सेठिया ने व्यक्त किया।
निर्णायक मंडल – रीमा मेहता, सुरभि चोपड़ा एवं राजू जैन द्वारा जैनी लोढ़ा काव्या, धार्मी बाबेल तथा लावण्या कोठारी को क्रमशः प्रथम द्वितीय व तृतीय घोषित कर पुरस्कृत किया गया। चतुर्थ, पंचम एवं छठे प्रतिभागियों को निर्णायकों ने अपनी ओर से पुरस्कृत किया। सभी प्रतिभागियों को सांत्वना पुरस्कार दिया गया।
संरक्षक दिलखुश खेरोदिया ने ए मेरे वतन के लोगो, जरा आंख में भर लो पानी गीत से समां बांध दिया। कार्यक्रम में संघ संरक्षक ऋषभ सुराणा, अभय संचेती, अध्यक्ष लक्ष्मीलाल चण्डालिया, मंत्री दिलीप कांठेड़, वरिष्ठ श्रावक विजयसिंह सेठ, इन्द्र सेठ, छीतलमल चंडालिया, तेजपाल मेहता, नवयुवक मंडल अध्यक्ष मुकेश सेठिया, मंत्री धर्मवीर, कोषाध्यक्ष वैभव कोठारी, महिला मंडल संरक्षक मंजु चंडालिया, कुसुम भड़कत्या सहित कई श्रावक श्राविकायें उपस्थित थी।
नवकार जाप प्रभारी नरेश भडकत्या ने बताया कि 15 अगस्त के जाप राजेन्द्र प्रसाद, प्रवीण, मनीष, लोकेश बोहरा के 1, कृष्ण वाटिका, ऋण मुक्तेश्वर मार्ग स्थित आवास पर प्रात 8 से रात्रि 8 बजे तक रहेंगे।
महिला मंडल अध्यक्ष सरोज नाहर ने बताया कि भावी तीर्थंकर सम्यक् दृष्टि
वासुदेव श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर 17 से 19 अगस्त को तेला तप की आराधना करवाई जा रही हैं।