वीरधरा न्यूज़।चित्तोडगढ@डेस्क।
चित्तौड़गढ़। माता पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों के भरण पोषण अंतर्गत जिला समन्वय समिति की बैठक आयोजित शुक्रवार को जिला कलक्टर अरविंद कुमार पोसवाल की अध्यक्षता में जिला कलक्टर के समिति कक्ष में किया गया।
बैठक में राजस्थान सरकार माता पिता और वरिष्ठ नागरिक भरण पोषण नियम-2010 के अन्तर्गत जिला जिला समन्वय समिति के अंतर्गत नवीन सदस्यों के मनोनयन के संबंध में चर्चा की गई। जिला कलक्टर पोसवाल ने वरिष्ठ नागरिकों को प्रदत्त सुविधाओं एवं राष्ट्रीय हेल्पलाइन 14567 के संबंध में पुलिस विभाग एवं चिकित्सा विभाग के अधिकारी से से चर्चा की।
भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए भारत की पहली अखिल भारतीय हेल्पलाइन शुरू की हुई है, जिसे “एल्डर लाइन” (Elder Line) कहा जाता है, जिसका टोल-फ्री नंबर 14567 है। यह वरिष्ठ नागरिकों को उनके सामने आने वाली चुनौतियों और समस्याओं में सहायता प्रदान करती है। यह हेल्पलाइन प्रातः 8 बजे से रात्रि 8 बजे तक चालू रहती हैं।
एल्डर लाइन वरिष्ठ नागरिकों को पेंशन के मुद्दों, कानूनी मुद्दों, सरकारी योजनाओं की जानकारी, आपदाओं में सहायता , दुर्व्यवहार के मामलों में हस्तक्षेप, भावनात्मक समर्थन, बेघर वरिष्ठ नागरिकों के लिए बचाव और देखभाल आदि पर मुफ्त जानकारी और मार्गदर्शन प्रदान करने में मदद कर रही है।
यह हेल्पलाइन नंबर क्यों लॉन्च किया गया?
एक अनुमान के मुताबिक भारत में 2050 तक लगभग 30 करोड़ से अधिक वरिष्ठ नागरिकों की आबादी होगी। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि कई देशों की कुल आबादी ही 30 करोड़ से कम है। इस आयु वर्ग को कई मानसिक, वित्तीय, भावनात्मक, कानूनी और शारीरिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इस प्रकार, यह हेल्पलाइन नंबर उन्हें समर्थन देने के लिए शुरू की गयी है। राजस्थान में यह हेल्पलाइन 18 मई 2021 से प्रारंभ हो चुकी है तथा 1 अक्टूबर 2021 से माननीय उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू द्वारा इस हेल्पलाइन को पूरे भारत भर में चालू कर दिया गया है। राजस्थान के अंदर इसकी कंट्रोलिंग बॉडी एवं कॉल सेंटर जे के लक्ष्मीपत यूनिवर्सिटी जयपुर में स्थापित किया गया है। इस हेल्पलाइन के तहत राजस्थान के प्रत्येक जिले मे फील्ड रिस्पॉन्स ऑफिसर की नियुक्ति की गई है।
बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) गितेश श्री मालवीय, पुलिस उप-अधीक्षक शाहना खानम, बाल कल्याण समिति अध्यक्ष प्रियंका पालीवाल व सदस्य तथा विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।