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चित्तौड़गढ़-जप-तप से सार्थक करे चातुर्मास, चित्तौड़ की भूमि धर्म की पहचान- चित्तौरगढ़ खातर महल में डॉ समकित मुनि।

वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@डेस्क।
चितोड़गढ़। चित्तौड़गढ़ शहर में सोमवार सुबह आगम ज्ञाता डॉ समकित मुनि म सा आदि ठाणा के गांधी चौक सिथत खातरमहल में चातुर्मासिक मंगलप्रवेश के दौरान एक खास नजारा दिखा। मंगल प्रवेश जुलूस में त्रिशला नंदन वीर की ,जय बोलो महावीर की, आगम ज्ञाता ,वाणी के जादूगर डॉ समकित मुनि म सा की जय हो, जग में चमके जैन दिवाकर जैसे नारे गुंजयमान होते रहे।
मीरानगरी जैन स्थानक से चातुर्मास 2021 मंगल प्रवेश हेतु डाक्टर समकित मुनि के पहले कदम से खातर महल पहुंचने तक श्रावक श्राविकाओं ने भक्तिभाव से नारे गुंजायमान कर माहौल को धर्ममय बना दिया।
श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संस्थान के प्रचार मंत्री सुधीर जैन ने बताया कि सोमवार प्रातः ठीक 9.15 बजे डॉक्टर समकित मुंनि म सा, प्रेरणाकुशल भवान्त मुनि म सा, साध्वी वर्या विशुद्धि जी म सा ओर साध्वी विशाखा जी म सा ने नगर के खातर महल में मंगल प्रवेश के लिए प्रस्थान किया। रास्ते मे जगह जगह श्रावक श्राविकाओं ने महाराज सा की अगवानी की। विभिन्न संस्थाओं द्वारा मार्ग में बड़ी संख्या में स्वागत द्वार व बैनर लगाकर मंगल प्रवेश को भव्यता प्रदान की गई।
श्री जैन दिवाकर महिला मंडल द्वारा मंगलाचरण व स्वागत गीत व श्री चंदनबाला महिला मंडल द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। स्वागत उदबोधन श्रीसंघ अध्यक्ष हस्तीमल चोरड़िया ने दिया व विभिन्न संघों के अध्यक्ष/मंत्री ने भी मुनिगण का स्वागत किया।
मंगल प्रवेश के पश्चात धर्मसभा में साध्वी विशुद्धि म.सा. ने अपने प्रवचन में चित्तौड़गढ़ में हुए स्वागत को अभूतपूर्व बताया । प्रवचन में डाक्टर समकित मुंनि ने स्वयं को भाग्यशाली मानते हुए उपस्थित धर्म प्रेमी बंधुओं को कहा कि शक्ति और भक्ति व महापुरुषों की ऐतिहासिक धरती चित्तौड़गढ़ में उन्हें चातुर्मास करने का शुभ अवसर मिला है । यह वह भूमि है जहां जैन दिवाकर चौथमल जी म सा, अम्बालाल जी म सा और यश कंवर जी म सा ने जैन धर्म की ध्वजा को लहराया है।उन्होंने इस चातुर्मास का श्रेय महासती जय श्री म सा को दिया। उन्होंने कहा कि चार महीने गुरुनगरी और गुरु भक्तों के साथ मुझे जुड़ने का अवसर मिला है ।
उन्होंने कहा कि मैं यहां सिखाने नहीँ अपितु आप सभी को धर्म कर्म की क्रियाओं से अरबपति बनाने आया हूँ। उन्होंने सोशल डिस्टनसिंग की पालना करते हुए प्रवचन सुनने की अपील की। डॉ समकित मुनि ने चातुर्मास के प्रारंभ में ही 300 से अधिक तेले तप की साधना को सराहनीय बताया और कहा कि नगर में धर्म का वातावरण तैयार हो गया है जो सुखद है। उन्होंने चित्तौड़गढ़ श्री संघ के प्रति मंगलकामनाएं करते हुए सभी तैयारियों को अच्छा बताया। उन्होंने कहा कि राजस्थान की माटी में एक से एक बड़े संत हुए हैं और उनका चित्तौड़गढ़ की पावन भूमि पर चातुर्मास धर्म और ज्ञान की सरिता बहायेगा यही विश्वास है।
कार्यक्रम का संचालन श्री संघ संरक्षक प्रो सी एम रांका व वरिष्ठ श्रावक हस्तीमल चंडालिया ने किया।
चातुर्मास संबंधी सूचनाओं की जानकारी संघ मंत्री अजीत नाहर ने प्रदन की।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि नंदुरबार से डॉ समकित मुंनि के सांसारिक भाई चंदनमल कोठारी, बेंगलुरु से महेन्द्रचंद मेहता, नरेंद्र कुमार दुधेडिया,राजेन्द्र कुमार मरलेचा, पूरणचंद श्रीमाल,मुम्बई से पारसमल बडोला ने डॉ समकित मुनि द्वारा लिखित पुस्तक समयांग सूत्र का विमोचन किया।
सुधीर जैन ने लोकसभा सत्र में दिल्ली होने से सांसद सी पी जोशी और विधायक चंद्रभानसिंह आक्या के शुभकामना संदेशों का वाचन किया। अतिथियों का स्वागत वरिष्ठ श्रावकों इंद्रमल लोढ़ा, प्रकाश चंद्र पोस्वलिया, मनसुख नाहर,सुरेश मेहता,रोशनलाल मेहता,मनसुख पटवारी,रोशनलाल चिपड़, वल्लभ बोहरा,नरेश भडक्त्या,डॉ रतनलाल मारु, सुरेश डांगी, रतनलाल डांगी, रतनलाल डांगी, अरविंद सुराणा आदि ने किया।
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