ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने के लिए प्रोनिंग हो सकती है मददगार, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और विशेषज्ञ भी कर रहे हैं प्रोनिंग की पैरवी।
वीरधरा न्यूज़.जयपुर @ डेस्क
जयपुर। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार होम आइसोलेशन में बने रहनायोन रोगी मरीज प्रोनिंग के माध्यम से कम होते ऑक्सीजन लेवल में सुधार कर सकते हैं।
चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया ने बताया कि प्रदेश और देश में कोरोनाटेन्स की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। विशेषज्ञों ने ऑक्सीजन का स्तर कम होने पर खुद की निगरानी में प्रॉनिंग की सलाह दी है।
ऑक्सीजन का स्तर 94 से नीचे आने पर हो प्रोनिंग-
जयपुर के सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ सुधीर भंडारी ने बताया कि जब ऑक्सीजन का स्तर 94 से नीचे आ जाए, तो होम आइसोलेशन में रहते हुए को विभाजित मरीज को प्रोनिंग होना चाहिए। प्रोनिंग की यह स्थिति वेंटीलेशन में सुधार द्वारा रोगी की जान तक बचा सकती है।
ऑक्सीजनेशन होता है 80 प्रतिशत तक सफल –
डॉ भंडारी ने कहा कि प्रोनिंग की पोजशान सांस लेने में आराम और ऑक्सीकरण में सुधार करने के लिए मेडिकली प्रूवड है। इसमें रोगी को पेट के बल लिटाया जाता है। यह प्रक्रिया 30 मिनट से दो घंटे की होती है। यह करने से फेफड़े में रक्त का संचार बेहतर होता है, जिससे ऑक्सीजन फेफड़ों में आसानी से पहुंचती है और फफड़े अच्छे से काम करने लगते हैं।] उन्होंने बताया कि ऑक्सीजनेशन में इस प्रक्रिया को 80 प्रतिशत तक सफल माना जा रहा है।
कैसे करें प्रोनिंग-
भंडारी ने बताया कि प्रोनिंग के लिए लगभग चार से पांच तकियों की जरूरत होती है। सबसे पहले रोगी को बिस्तर पर पेट के बल लिटाएं। एक तकिया गर्दन के नीचे सामने से रखें। फिर एक या दो तक गर्दन, छाती और पेट के नीचे बराबर में रखें। बाकी के दो तकियों को पैर के पंजों के नीचे दबाकर रख सकते हैं। ध्यान रखें इस दौरान कोविड मरीज को गहरी और लंबी सांस लेना बाकी है। उन्होंने बताया कि 30 मिनट से लेकर लगभग कुछ घंटे तक इस स्थिति में रहने से रोगी को बहुत आराम मिलता है। लेकिन 30 मिनट से दो घंटे के बीच मरीज की पोजीशन बदलना जरूरी है। इस दौरान रोगी कोलाई और बाई करवट लिटा सकते हैं।
प्रोनिंग करते समय ध्यान रखने योग्य बातें-
भंडारी ने कहा कि खाने के तुरन्त बाद प्रोनिंग करने से राहत मिलेगी। यह 16 घंटे तक रोजाना कई चक्रों में कर सकता है, इससे बहुत आराम मिलेगा। उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया को करने के लिए समय वनों और अंक को ध्यान में रखें। अंडर क्षेत्रों को बदलने और आराम देने के लिए तकियों को एडजस्ट करें।
भंडारी ने बताया कि गर्भावस्था में महिला, गंभीर कार्डियक रोगी को प्रोनिंग से बचना चाहिए। स्पाईन से जुड़ी कोई परेशानी नहीं या फिर पेल्विक फैक्टर हो, तो प्रोनिंग करने से नुकसान हो सकता है। उन्होंने बताया कि भोजन करने के तुरंत बाद प्रोनिंग की प्रक्रिया से बचना चाहिए।