आकोला। ग्राम पंचायत में मनरेगा में फर्जीवाड़ा की हो रही जांच। जिला परिषद् चितौड़गढ़ सहायक अभियंता देवेंद्र मेहता ने की जांच, शिकायत कर्ता एवं ग्राम पंचायत के कार्मिकों से लिखित मे लिए बयान।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 10 मार्च को आकोला में मनरेगा के कार्यो के मस्टररोल में फर्जीवाड़ा कर भ्रष्टाचार करने की शिकायत जिला कलेक्टर से ग्राम पंचायत के वार्डपंचों ने शिकायत की जिसमें वार्डपंच भरत खटीक, रामलाल रेगर, रतन भील द्वारा मेटों से मस्टररोल चेक किए जिसमें इन वार्डपंचों को फर्जीवाड़ा देखने को मिला, निरीक्षण में मस्टररोल में 9 ऐसे श्रमिकों के नाम भी लिखे हुए मिले जो वर्तमान में अहमदाबाद में व्यवसायरत है मगर उनकी हाजरी मस्टररोल में दर्ज है। इन वार्डपंचों के लिखित शिकायत पर अखबारों में खबर प्रकाशित होने से नरेगा प्रशासन भी हरकत में आ गई। ग्राम पंचायत ने भी अपने स्तर पर जांच करवाई लेकिन इस जांच का कोई उचित मापदंड नहीं माना जाता है। शुक्रवार को जिला स्तरीय जांच कर्ता – जिला परिषद् चितौड़गढ़ सहायक अभियंता देवेंद्र मेहता ने शिकायत कर्ता तीनों वार्डपंच, कनिष्ठ तकनीकी सहायक मुकेश टेलर, एलडीसी दिनेश वैष्णव, ग्राम विकास अधिकारी शारदा जाट, उपसरपंच भेरू लाल जाट, मेट, अन्य वार्ड पंचों की उपस्थिति में लगभग तीन – चार घंटे चली जांच पूछताछ एवं लिखित बयान के बाद शिकायत कर्ता वार्ड पंचों ने अखबार को गलत बताते हुए कहा कि नौ श्रमिक की जगह दो श्रमिक कहा था। दोनों श्रमिकों के भी बयान हुए माधु लाल, प्रेम चंद माली दोनों के मेहता ने बयान लिए जिसमें दोनों यही उपस्थित होना बताया। लगभग तीन – चार घंटे चली जांच-पड़ताल मौखिक व लिखित बयान लेकर जिला परिषद् चितौड़गढ़ देवेंद्र मेहता ने प्रस्तान किया। जहां अहमदाबाद के लेबर श्रमिक नहीं पाये गये।